Chandra Darshan 2019 Date: हिंदू धर्म के अनुसार जब पृथ्वी से चंद्रमा नजर नहीं आता है तो उस रात को अमावस्या कहा जाता है जिसके अगले दिन चंद्रमा दर्शन दिवस मनाया जाता है. चंद्रमा दर्शन दिवस का खास धार्मिक महत्व है. चंद्र देव की पूजा के साथ इस दिन काफी लोग व्रत करते हैं और शाम को चांद को देखने के बाद अपना उपवास खोलते हैं.
नई दिल्ली. चंद्र दर्शन दिवस अमावस्या के अगले दिन या दूसरे दिन को कहा जाता है. पृथ्वी से जब चंद्रमा नजर नहीं आता है तो इसे हिंदू धर्म में अमावस्या कहा जाता है. चंद्रमा दर्शन दिवस का खास धार्मिक महत्व बताया गया है. इस दिन काफी लोग व्रत करते हैं और शाम को चांद को देखने के बाद उपवास खोलते हैं. हिंदू धर्म की मान्यताओं में चंद्र दर्शन काफी भाग्यशाली माना जाता है जो हर महीने एक बार होते हैं.
मान्यता है कि अमावस्या के अगले दिन चंद्रमा दर्शन करने से व्यक्ति का भाग्य खुलता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है. चंद्र देव के सम्मान में चंद्र दर्शन दिवस को मनाने का विधान है. चंद्र दर्शन के लिए शुभ समय सूर्यास्त के बाद माना जाता है.
साल 2019 में अभी दो चंद्र दर्शन दिवस बाकी हैं. जिसमें पहला 27 नवंबर गुरुवार को पड़ रहा है. इस दिन चांद शाम 5 बजकर 59 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 43 मिनट यानी करीब 44 मिनट तक नजर आएगा. वहीं साल का आखिरी चंद्र दर्शन 27 दिसंबर को पड़ा रहा है. इस दिन चंद्रमा शाम 6 बजकर 9 मिनट से लेकर 7 बजकर 12 मिनट तक यानी 1 घंटा 3 मिनट नजर आएगा.
क्या है चंद्र दर्शन के महत्व
1. हिंदू धर्म में चंद्र देव को उच्च कहे जाने वाले देवताओं में से एक रूप बताया गया जिनका पृथ्वी पर लोगों के जीवन पर काफी असर है. इसी वजह से चांद को महत्वपूर्ण गृह माना गया है.
2. चांद का संबंध पवित्रता, अच्छे इरादे और ज्ञान से भी जोड़ा जाता है. साथ ही चंद्रमा को सबसे अनुकूल ग्रहों में से एक कहा जाता है. चंद्रमा को पेड़-पौधे और जानवरों के जीवन का पोषक भी माना जाता है.
3. चंद्र दर्शन के दिन काफी लोग अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं. साथ ही चंद्र देव के दर्शन से सफलता, सौभाग्य और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है.
4. मान्यता है जो भी व्यक्ति चंद्र दिवस के मौके पर चंद्र देव की पूजा और व्रत करता है उसके मन से सभी नकारात्मक विचार दूर होते हैं. पवित्र चंद्र मंत्रों के साथ व्रत का अनुष्ठान किया जाता है.