हिन्दू शास्त्र के अनुसार पूरा चन्द्रमा दिखाई देने वाला दिन पूर्णिमा कहलाता है. आम भाषा में इसे पुरणमासी एवं पूर्णिमा भी कहा जाता है.पूर्णिमा का हिंदु शास्त्र में अधिक महत्व होता है. यह दिन काफी पावन माना जाता है. चैत्र मास हिंदु शास्त्रों के अनुसार साल पहला चंद्र मास होता है. इस साल 31 मार्च को पूर्णिमा पड़ रही है.
नई दिल्ली. पूर्णिमा को चंद्रमास भी कहा जाता है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण दिखाई देता है. पूर्णिमा का हिंदु शास्त्र में अधिक महत्व होता है. यह दिन काफी पावन माना जाता है. चैत्र मास हिंदु शास्त्रों के अनुसार साल पहला चंद्र मास होता है. इसलिए चैत्र पूर्णिमा को भाग्यशाली माना जाता है. इस दिन व्रत रखा जाता है. साल 2018 का चैत्र पूर्णिमा 31 मार्च को पड़ रही है.पुराणों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा में तुलसी-स्नान का प्रावधान है इस दिन जल में तुलसी पत्ता डालकर स्नान करना चाहिए.
इस साल चैत्र पूर्णिमा काफी खास है क्योंकि इस दिन हनुमान जयंती पड़ रही है. चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के उपासक भगवान सत्ययनारायण की पूजा कर मनोकामना पूर करने के लिए पूर्णिमा का उपवास रखते हैं. चंद्रमा की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है.
चैत्र पूर्णिमा व्रत विधि
पूर्णिमा के दिन के सबसे पहले तुलसी स्नान कर के व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इस दिन रात्रि के समय चंद्रमा की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. पूजा के समय मंत्रो का जाप करना चाहिए. पूजाा करने के बाद चंद्रमा को जल अर्पित करना चाहिए. चंद्रमा पूजा करने के बाद अन्न से भरे घड़े को किसी ब्राह्मण या फिर किसी गरीब जरूरतमंद को दान करना चाहिए. ऐसा करने से चंद्र देव प्रसन्न होते है और सभी मनोकामना पूरी होती है.
चैत्र पूर्णिमा 2018 तिथि व मुहूर्त
चैत्र पूर्णमा का व्रत 31 मार्च 2018 को है
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 19.35 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 18.06 बजे
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