नई दिल्लीः चैत्र नवरात्रि का आज यानी 10 अप्रैल को दूसरा दिन है। इस दिन चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि, विष्कम्भ और प्रीति योग, भरणी नक्षत्र है। आज के दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती हैं। मां ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से व्यक्ति अपने कार्य में सफल होते हैं और हर संकट से लड़ने की क्षमता पैदा होती है। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से उस व्यक्ति को जप, तप, त्याग, संयम आदि की प्राप्ति होती है। आईए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने की विधि, मंत्र, भोग और शुभ मुहूर्त के बारे में।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक देवी पार्वती ने नारद जी के सुझाव पर शिव जी को प्राप्त करने के लिए हजारों सालों तक जंगल में कठोर तप और साधना की। वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं और हाथ में कमंडल एवं जप की माला पहनती हैं। उनके कठोर साधना के कारण उन्हें मां ब्रह्मचारिणी नाम से जाना जाता है। वे दूसरी नवदुर्गा भी कहलाती हैं।
आज शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करें। नवरात्रि पूजा में ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें। आसन पर बैठकर मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान लगाए। फिर उनको अक्षत, फूल, फल, चीनी, पंचामृत, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं। इनको अर्पित करते समय मां ब्रह्मचारिणी का पूजा मंत्र पढ़ें. फिर मां ब्रह्मचारिणी की कथा पढ़ें और आरती करें।
लाभ-उन्नति मुहूर्त: सुबह 06:01 से सुबह 07:36 तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 07:36 से सुबह 09:12 तक
शुभ-उत्तम मुहूर्त: सुबह 10:47 से दोपहर 12:22 तक
चर-सामान्य मुहूर्त: दोपहर 03:33 से शाम 05:09 तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: शाम 05:09 से शाम 06:44 तक
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