Chaitra Navratri 2025 Maha Ashtami: चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी का कन्या पूजन आज यानी 5 अप्रैल को होगा। इसे ही दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है। दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा की जाती है, इसलिए इसे महाष्टमी कहते हैं। महागौरी की आराधना करने से जीवन में आ रही कई परेशानियां दूर हो जाती है। आइए जानते हैं महाष्टमी पर कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में–
अष्टमी तिथि 4 अप्रैल यानी कल रात 8 बजकर 12 मिनट से शुरू हो गई है। इसका समापन आज यानी 5 अप्रैल शाम 7 बजकर 26 मिनट पर होगा। कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त आज सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। उस दौरान पूजन करने वालों भक्तों की हर मनोकामना पूरी होगी।
अष्टमी पर कन्या भोज पर घर आ रहीं कन्याओं का गृह प्रवेश के समय पुष्प वर्षा से स्वागत करें। इसके बाद नव दुर्गा के सभी 9 नामों का जयकारा लगाएं। इन कन्याओं को आरामदायक और साफ जगह पर बैठाएं और अपने हाथों से दूध से भरी थाली में सभी के पैर धोएं। इसके बाद उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। माथे पर चावल, फूल और कुमकुम लगाएं। फिर मां भगवती का ध्यान करें और देवी स्वरूप कन्याओं को उनकी इच्छानुसार भोजन कराएं। भोजन के बाद कन्याओं को अपनी क्षमता के अनुसार उपहार दें और उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। आप नौ कन्याओं के बीच कालभैरव के रूप में एक बालक को भी बैठा सकते हैं।
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