नई दिल्ली: चैत्र नवरात्र का शुभारंभ आज, 30 मार्च 2025 से हो गया है और इसका समापन 6 अप्रैल को होगा। इन नौ पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस वर्ष मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आई हैं, जिसे शुभ संकेत माना जाता है। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, जिसे कलश स्थापना भी कहा जाता है। इस बार घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:13 से 10:22 बजे तक था। अगर कोई इस दौरान घटस्थापना नहीं कर पाया, तो अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:50 बजे तक रहेगा।
कलश स्थापना के लिए मंदिर की सफाई कर लाल या सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर चावल रखें। मिट्टी के पात्र में जौ बोकर उस पर जल से भरा कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर कलावा बांधें और उसमें सुपारी, सिक्का, अक्षत डालें। नारियल पर चुनरी लपेटकर कलश पर रखें और मां दुर्गा का आवाहन करें।
नवरात्र के दौरान सुबह-शाम माता की पूजा करें, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और आरती करें। सात्विक भोजन ग्रहण करें और व्रत रखने वाले फलाहार करें। घर में लहसुन-प्याज वर्जित है।
30 मार्च: मां शैलपुत्री
31 मार्च: मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा
1 अप्रैल: मां कुष्मांडा
2 अप्रैल: मां स्कंदमाता
3 अप्रैल: मां कात्यायनी
4 अप्रैल: मां कालरात्रि
5 अप्रैल: मां महागौरी
6 अप्रैल: मां सिद्धिदात्री
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