नई दिल्ली: हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का बहुत महत्व है. पंचांग के मुताबिक साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है. एक चैत्र नवरात्रि, 2 गुप्त नवरात्रि और 1 शारदीय नवरात्रि होती है. ये त्यौहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. चारों नवरात्रि का अपना-अपना महत्व है. बता दें कि चैत्र […]
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का बहुत महत्व है. पंचांग के मुताबिक साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है. एक चैत्र नवरात्रि, 2 गुप्त नवरात्रि और 1 शारदीय नवरात्रि होती है. ये त्यौहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. चारों नवरात्रि का अपना-अपना महत्व है. बता दें कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है और नवमी तिथि के साथ इसका समापन होता है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक ये चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है. इस दौरान माता रानी के 9 अलग-अलग रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है.
चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि को महाष्टमी मनाई जाती है। महाष्टमी तिथि चैत्र नवरात्रि 15 अप्रैल को दोपहर 12:11 बजे शुरू होगी और 16 अप्रैल को दोपहर 1:23 बजे समाप्त होगी। इसी दिशा में 16 अप्रैल को महाष्टमी मनाई जाती है.
पंचांग के मुताबिक, चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट से होगी और इसका समापन 17 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में महानवमी 17 अप्रैल को मनाई जाएगी।
चैत्र महीने की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 08 अप्रैल को रात्रि 11 बजकर 51 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 09 अप्रैल को रात्रि 08 बजकर 29 मिनट पर होगा। ऐसे में चैत्र नवरात्र की शुरुआत 9 अप्रैल से होगी और 17 अप्रैल को समापन होगा।
ज्योतिषियों के अनुसार 09 अप्रैल को घटस्थापना समय प्रातः काल 06 बजकर 02 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है। इस समय में घटस्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट के बीच अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं।
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