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Chaitra Navratri 2024: नवरात्र में इस तरह करें घटस्थापना, जानें मुहूर्त और सामग्री सूची

नई दिल्लीः हर साल चैत्र माह की अमावस्या के अगले दिन से ही नवरात्रि शुरू होती है। नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। जीवन में सुख-शांति के लिए भी व्रत रखा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो […]

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Chaitra Navratri 2024
  • April 7, 2024 1:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्लीः हर साल चैत्र माह की अमावस्या के अगले दिन से ही नवरात्रि शुरू होती है। नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। जीवन में सुख-शांति के लिए भी व्रत रखा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है। इस दिन घटस्थापना के बाद ही मां दुर्गा की पूजा की जाती है। ऐसे मेंआइए जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, सामग्री और पूजा विधि के बारे में।

चैत्र नवरात्र 2024 घटस्थापना शुभ मुहूर्त

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चैत्र नवरात्र 2024

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तारीख की शुरुआत 08 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट से होगी और इसका समापन 09 अप्रैल को रात 08 बजकर 30 मिनट पर होगा। ऐसे में 09 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक है। इन 2 शुभ मुहूर्त में आप घटस्थापना कर सकते हैं।

चैत्र नवरात्र घटस्थापना 2024 सामग्री सूची

When is Chaitra Navratri in 2024? Dates and Ghatasthapana muhurat |  Spirituality News - News9live

चैत्र नवरात्र 2024

कलश, (मिट्टी, चांदी या तांबे), गंगाजल, आम के पत्ते की डाली, सिक्का, अक्षत। जौ बोने के लिए – मिट्टी का बर्तन, एक साफ कपड़ा, जल, मिट्टी, कलावा और जौ। अखंड ज्योति के लिए – पीतल या मिट्टी का दीपक, घी, रुई की बत्ती, रोली, अक्षत।

चैत्र नवरात्र 2024 घटस्थापना विधि

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चैत्र नवरात्र 2024

मान्यता के अनुसार चैत्र नवरात्रि के शुभ काल में कलश स्थापना करने से साधक के घर में सौभाग्य का आगमन होता है। अगर आप कलश स्थापना करना चाहते हैं तो चांदी, मिट्टी या तांबे के कलश पर घटस्थापना कर सकते हैं। घटस्थापना में लोहे या स्टील के बर्तनों का प्रयोग न करें। घटस्थापना करने से पहले मंदिर को साफ कर लें. अब घटस्थापना वाले स्थान को गंगा जल छिड़क कर शुद्ध कर लें। फिर हल्दी अष्टदल तैयार करें, कलश में साफ पानी डालें और उसमें लौंग, अक्षत, हल्दी, सिक्के, इलायची, पान के पत्ते और फूल आदि चीजें डालें। फिर उस पर रोली से स्वस्तिक बनाएं। अंत में कलश स्थापित करते समय मां दुर्गा का ध्यान करें।

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