Chaitra Navratri 2023: आज महासप्तमी पर कर लें ये खास काम, मां कालरात्रि दिलाएंगी हर भय-शत्रु से छुटकारा

Chaitra Navratri 2023: आज यानी 21 अक्टूबर को महासप्तमी है. इस दिन देवी कालरात्रि की विशेष रूप से पूजा होती है. मां कालरात्रि का रुप भले ही भयानक हो लेकिन माता अपने भक्तों के लिए बेहद दयालु हैं. इस मां की उपासना से हर दुष्ट और कष्ट का नाश होता है. देवी कालरात्रि की उपासना […]

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Chaitra Navratri 2023: आज महासप्तमी पर कर लें ये खास काम, मां कालरात्रि दिलाएंगी हर भय-शत्रु से छुटकारा

Deonandan Mandal

  • October 21, 2023 7:59 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

Chaitra Navratri 2023: आज यानी 21 अक्टूबर को महासप्तमी है. इस दिन देवी कालरात्रि की विशेष रूप से पूजा होती है. मां कालरात्रि का रुप भले ही भयानक हो लेकिन माता अपने भक्तों के लिए बेहद दयालु हैं. इस मां की उपासना से हर दुष्ट और कष्ट का नाश होता है. देवी कालरात्रि की उपासना से जीवन की हर समस्या को पलभर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है।

जिन लोगों के कार्य में शत्रु बाधा बन रहे हैं उन्हें देवी कालरात्रि की पूजा जरुर करनी चाहिए. मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के 7वें दिन रात्रि काल में माता की पूजा कर उनकी आरती करें।

मां कालरात्रि की आरती

कालरात्रि जय जय महाकाली
काल के मुंह से बचाने वाली

दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा
महा चंडी तेरा अवतारा

पृथ्वी और आकाश पर सारा
महाकाली है तेरा पसारा

खंडा खप्पर रखने वाली
दुष्टों का लहू चखने वाली

कलकत्ता स्थान तुम्हारा
सब जगह देखूं तेरा नजारा

सभी देवता सब नर नारी
गावे स्तुति सभी तुम्हारी

रक्तदंता और अन्नपूर्णा
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना

ना कोई चिंता रहे ना बीमारी
ना कोई गम ना संकट भारी

उस पर कभी कष्ट ना आवे
महाकाली मां जिसे बचावे

तू भी ‘भक्त’ प्रेम से कह
कालरात्रि मां तेरी जय

मां कालरात्रि के उपाय

शनि पीड़ा से मिलेगी मुक्ति- महासप्तमी के दिन मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करते हुए सरसों, दालचीनी, कालीमिर्च और द्रव्य आदि से हवन करें. मां कालरात्रि से शनि की महादशा से राहत पाने की कामना करें. मान्यता यह है कि इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं जिससे अशुभ प्रभाव का असर नहीं होता है.

शत्रु बाधा- नवरात्रि के 7 वें दिन निशिता काल मुहूर्त में ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः’ मंत्र का सवा लाख जप करना चाहिए, इसके अलावा रात्रि जागरण करें. मान्यता है कि इससे ये मंत्र सिद्ध हो जाता है जिससे समस्त भय-शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है।

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