Chaitra Navratri 2019 Date: चैत्र नवरात्रि 2019 में बन रहे कई शुभ संयोग, इस शुभ मुहूर्त पर करें पूजा, ये है घटस्थापना का समय

Chaitra Navratri 2019 Date: 6 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है. माना जा रहा है कि इस बार कई योगों के साथ यह शुभ समय आ रहा है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो चैत्र नवरात्र के 9 दिनों में पांच बार सवार्थ सिद्धि और दो बार रवि योग आएगा.

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Chaitra Navratri 2019 Date: चैत्र नवरात्रि 2019 में बन रहे कई शुभ संयोग, इस शुभ मुहूर्त पर करें पूजा, ये है घटस्थापना का समय

Aanchal Pandey

  • March 18, 2019 8:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. हर साल 2 बार नवरात्रि मनाई जाती है जिनमें अश्विनी नवरात्रि सर्दियों की शुरूआत में और चैत्र नवरात्रि गर्मी की शुरूआत में मनाई जाती है. इस बार की चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल से शुरू हो रही है. कहा जा रहा है कि इस बार यह शुभ समय कई श्रेष्ठ योगों के साथ आ रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चैत्र नवरात्र के 9 दिनों में पांच बार सवार्थ सिद्धि और दो बार रवि योग आएगा. इसके साथ ही इस नवरात्र पुष्य नक्षत्र का संयोग भी बनता नजर आ रहा है जो काफी शुभ माना जाता है.

रेवती नक्षत्र के साथ होगी नवरात्रि की शुरुआत
इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत रेवती नक्षत्र के साथ हो रही है. रेवती नक्षत्र का योग उदय काल में योग साधना और सिद्धि नें पांच गुना अधिक शुभफल प्रदान करेगा. धर्म शास्त्री की दृष्टि से इन 9 दिनों के त्योहार में पांच बार सर्वार्थसिद्धि और दो बार रवियोग पड़ने का संयोग काफी श्रेष्ठ माना जा रहा है. माना जाता है कि ऐसे योग बनते हैं तो देवी साधना का विशेष फल प्राप्त होता है. कहा जा रहा है कि यह नवरात्रि धन और धर्म की वृद्धि के लिए खास रहेगा.

7 अप्रैल को पड़ेगा सर्वार्थसिद्धि योग
चैत्र नवरात्र के शुरु होने के बाद 7 अप्रैल यानी द्वितीय तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग ( लक्ष्मी पंचमी) होगी. वहीं गुरुवार 11 अप्रैल को पष्ठी तिथि रवियोग फिर से होगा. शुक्रवार 12 अप्रैल को सप्तमी तिथि सर्वार्थसिद्धि योग होगा. वहीं शनिवार 13 अप्रैल को महाअष्टमी के सुबह 11 बजकर 42 मिनट के बाज नवमी तिथि स्मार्त मतानुसार योग होगा.

रविवार 14 अप्रैल को नवमी वैष्णव मतानुसार महानवमी रवीपुष्य नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग सुबह 9 बजकर 37 मिनट तक होगा. बता दें कि पंचक का पांचवा नक्षत्र कहे जाने वाले रेवती नक्षत्र का शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से एक घंटे तक स्पर्श होना, इसके साथ ही सुबह होने से करीब 45 मिनट तक रहना तंत्र साधना की नजर में सर्वोत्तम माना गया है. नक्षत्र सिद्धांत की नजर से देखें तो रेवती नक्षत्र का स्वामी पुषा है, जो ऋग्वेद के सभी देवताओं में से एक हैं.

जानिए घटस्थापना मुहूर्त
6 अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रओं में घटस्थापना मुहूर्त का समय सुबह 6 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 5 अप्रैल दोपहर 2 बजकर 40 मिनट से शुरू होगा और 6 अप्रैल दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा.

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