Chaitra Navratri 2019 Mata Chandraghanta puja: आज यानी सोमवार 9 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे रूप देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का चंद्रमा होता है. चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, इस दिन पढ़े जाने वाले मंत्र, शुभ मुहूर्त समेत अन्य जानकारियां लें.
नई दिल्ली: नवरात्र हिंदुओं का सबसे पवित्र और खास पर्व माना जाता है. इन नवरात्रों में नौ दिन तक देवी मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इन नौ दिनों में जो भी इंसान सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करता है, उसकी सारी इच्छाएं पूरी होती हैं और दुख दूर होते हैं. आज यानी 8 अप्रैल को नवरात्रि का तीसरा दिन है. आज भक्त जन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करते हैं.
मालूम हो कि मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का चंद्रमा होता है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा नाम से जाना जाता है. आज के दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है.
इन खास दिन ऐसे पूजा कर और ये मंत्र पढ़ देवी चंद्रघंटा को करें खुश
अगर आपको जीवन में सुख समृद्धि चाहिए तो इन आसान मंत्र और पूजा विधि और शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आपके लिए बेहद जरूरी है. आज के दिन मां दुर्गा के इस रूप को यानी मां चंद्रघंटा को केसर और केवड़ा के जल से स्नान कराएं. आज भक्त मां चंद्रघंटा को सुनहरे रंग का वस्त्र पहनाएं. आज आप भी सुनहरे या भूरे रंग का ही कपड़ा पहनें.
मां दुर्गा के इस रूप को केसर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं और मां चंद्रघंटा को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला पहनाएं. मां चंद्रघंटा को खुश करने के लिए आज के दिन ये मंत्र जरूर पढ़ें.
‘या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः’
मां चंद्रघंटा को गुड़ और लाल सेब बहुत पसंद हैं. मां को प्रसन्न करने के लिए घंटा और ढोल-नगाड़े बजाकर पूजा करना चाहिए. आरती के वक्त घंटा जरूर बजाएं. इस पूजा के बाद प्रसाद के रूप में गाय का दूध चढ़ाया जाता है.
मालूम हो कि मां चंद्रघंटा का पूरी विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने से भय से मुक्ति और अपार साहस मिलता है. यूं तो माता दुर्गा का हर रूप निराला है. मां चंद्रघंटा के दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र होते हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है. मां चंद्रघंटा तंभ साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं और ज्योतिष में इनका संबंध मंगल ग्रह से होता है.