नई दिल्ली. 6 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं, पूरे साल में चार बार नवरात्र आते हैं. लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्र को ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं. नवरात्र के नौ दिनों मां दूर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं. नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा की जाती हैं. मां कूष्माण्डा की आठ भुजाएं हैं. इसलिए इन्हें अष्टभुजा के नाम भी जाना जाता है. मां के सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं. आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है।
मां कूष्माण्डा विधि-विधान से पूजा करने से इंसान के जीवन में से रोगों और शोकों का नाश होता है और समृद्धि की प्राप्ती होती है. अष्ट भुजाधारी मां कूष्माण्डा सिंह पर सवार होकर अपने भक्तों की सभी परेशानी को दूर करते हैं. मां कूष्माण्डा ने इस संसार की रचना की है.
मां कूष्माण्डा पूजा विधि
नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्माण्डा को खुश करने के लिए उनकी पूजा विधि के अनुसार हरे रंग के कपड़े पहन कर मां कूष्माण्डा की पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान, हरी इलाइटी, सौंफ अर्पित करें, ॐ कुष्मांडा देव्यै नमः का जाप करने से मां प्रसन्न होती है. मां कुष्माण्डा को मालपुए का भोग लगाएं. भोग के प्रसाद को अधिक लोगों में दान करें और खुद भी खाएं
चैत्र नवरात्र 2019 घटस्थापना समय और शुभ मुहूर्त:
घटस्थापना मुहूर्त- 06:32 सुबह से 10:38 सुबह
समय अवधि- 4 घंटे 5 मिनट
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि और वैधृति योग में पड़ेगा.
प्रतिपदा तिथि की शुरुआत- 5 अप्रैल 2019 को दोपहर 14:20 बजे से
प्रतिपदा तिथि खत्म- 6 अप्रैल 2019 को दोपहर 15:23 बजे तक
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