नई दिल्ली. आज नवरात्रि का सांतवा दिन है. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां के नौ नवरात्रि में मां कालरात्रि की पूजा का खास महत्व होता है. नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस देवी को काल का नाश करने वाली कहा जाता है. मां की पूजा करने से मां कालरात्रि प्रसन्न होकर घर में बुरी नजर, दुखों, नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करती हैं.
मां कालरात्रि का स्वरूप
मां कालरात्रि को सबसे भयंकर व क्रोध वाली देवी कहा जाता है. इस दिन ध्यानपूर्वक पूजा करनी चाहिए और मां को प्रसन्न करना चाहिए. मां के स्वरूप की बात करें तो इनका रंग काला है और ये तीन नेत्रधारी होती हैं. हिंदू ज्योतिषी के अनुसार मां कालरात्रि ने गले में विघुत की अनोखी व अद्भूत माला धारण की हुई है, जैसे दुर्गा मां का वाहन शेर है वैसे ही मां कालरात्रि का वाहन गाधा है. मां को समस्त रोगों का निवारणी भी कहा जाता है.
मां कालरात्रि पूजा विधि
इस पूजा का महत्व उन लोगों के लिए अतिआवश्यक होता है जो तांत्रिक पूजा करते हैं. उनके लिए इस पूजा का खास महत्व होता है. इस दिन में सामान्य व्रत की तरह प्रात: काल उठकर पूजा की तैयारी शुरू करनी चाहिए. मां को फल, मौली, रोली, इलायची, लौंग इत्यादि अर्पित कर इनका पाठ करें. साथ ही मां कालरात्रि की व्रत कथा पढ़ें.
मां कालरात्रि पूजा मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
मां कालरात्रि शुभ मुहूर्त
सुबह 8 बजे से 9.30 बजे तक
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