Chaitra Navratri 2018 : स्कंदमाता प्रसन्न होकर संतान प्राप्ति का देती हैं आर्शीवाद, लगाएं ये भोग

Chaitra Navratri 2018 : नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा आराधना की जाती है. इस खास दिन पूजा करने से स्कंदमाता प्रसन्न होकर संतान प्राप्ति व उनके करियर संबंधी आर्शीवाद देती हैं. स्कंदमाता की पूजा के दौरान सफेद वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है.

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Chaitra Navratri 2018 : स्कंदमाता प्रसन्न होकर संतान प्राप्ति का देती हैं आर्शीवाद, लगाएं ये भोग

Aanchal Pandey

  • March 22, 2018 8:56 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. नवरात्रि में मां दुर्गा की नौ स्वरूपों की पूजा जाती है. चैत्र नवरात्रि में पांचवे दिन स्कंदमाता की आराधना की जाती है. स्कंदमाता की पूजा कई मायनों में खास होती है. कहा जाता है कि स्कंदमाता की पूजा यदि श्रद्धा-भाव से की जाए तो घर की सुख शांति व संतान की प्राप्ति होती है. हिंदू ज्योतिषी के अनुसार स्कंदमाता को सृष्टि की पहली प्रसूता स्त्री माना जाता है.

स्कंदमाता की शेर पर सवार रहती हैं. जिन्होंने स्कंद को गोदी में लिया हुआ है. मां की प्रतिमा को लगाकर नवरात्रि की पांचवे दिन पूजा करनी चाहिए. मां की पूजा करने से सबसे बड़ा वरदान ये मिलता है कि जो भी श्रद्धालु की संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो जाती है. जिस भी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो तो उसे अवश्य स्कंदमाता की पूजा अर्चना करनी चाहिए. स्कंदमाता की पूजा करने से घर का कलेश व अशांति दूर होती है. व बच्चों के जीवन में खुशियां आती है.

स्‍कंदमाता को लगाएं ये भोग
नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा सुबह व शाम को करनी चाहिए. इस दौरान पूजा विधि के अनुसार स्कंदमाता की अर्चना कर उन्हें उनकी मन पसंदीदा भोग को अर्पित करें. ऐसा करने से मां स्कंदमाता जल्दी प्रसन्न होती हैं. इस दिन आप सफेद कपड़े पहनने चाहिए. कहा जाता है कि स्कंदमाता को श्वेत रंग प्रिय है. इस दिन मां को केले व केले से जुड़े पकवान का भोग लगाये. इसके अलावा आप हलवा का प्रसाद भी बना सकते हैं.

मां स्कंदमाता शुभ मंत्र
या देवी सर्वभू‍तेषु स्कंदमाता रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

मां स्कंदमाता शुभ मुहूर्त
सुबह 08:00 बजे से सुबह 09:00 बजे तक

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