Chaiti Chhath 2019: चैती छठ आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है. इस दिन छठ व्रती सुबह स्नान कर भगवान का ध्यान करेंगे. पूजा के बाद व्रती अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी को प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे. इस पर्व का भारत में काफी महत्व है.
नई दिल्ली. Chaiti Chhath 2019: हिंदु रीति रिवाज के मुताबिक सूर्य की उपासना का पर्व छठ हिन्दू नववर्ष के पहले माह चैत्र के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है. इस पर्व का बेहद अधिक महत्व है. यह पर्व वर्ष में 2 बार मनाया जाता है. चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ भी कहा जाता है. हिंदु रीति रिवाज के मुताबिक इस पर्व में व्रती सूर्य भगवान की पूजा कर उनसे आरोग्यता, संतान और मनोकामनाओं की पूर्ति का आर्शीवाद मांगती हैं.
इस व्रत को महिला और पुरुष समान रूप से इसको कर सकते हैं. इस वर्ष चैती छठ का व्रत 9 अप्रैल 2019 मंगलवार से शुरू हो चुका है. चैती छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान आज से शुरू हो चुका है. व्रती नहाय-खाए से अनुष्ठान का संकल्प लेंगे. भगवान भास्कर को सायंकालीन अर्घ्य 11 अप्रैल और 12 अप्रैल को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य के साथ अनुष्ठान संपन्न होगा. इस पर्व की तैयारी लोग लंबे समय से करते रहते हैं. इस पर्व का भारत में खास महत्व है.
चैती छठ महापर्व: इस वर्ष नहाय-खाए 9 अप्रैल को मनाया जाएगा. वहीं खरना-लोहंडा-10 अप्रैल को मनाया जाएगा. जबकि सायंकालीन अर्घ्य 11 अप्रैल को दिया जाएगा. वहीं प्रात:कालीन अर्घ्य 12 अप्रैल को दिया जाएगा.
चैती छठ पर्व में साफ-सफाई और पवित्रता का खासा ख्याल रखा जाता है. पूजा के चारों दिन उपवास के साथ नियम और संयम का पालन करना होता है. इस पूजा में कोरे और बिना सिले वस्त्र पहनने की परंपरा है. व्रत के चार दिन तक व्रत सांसारिक सुख-साधनों से दूर रहा जाता है. साथ ही सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं.