नई दिल्ली: दिवाली का पर्व खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा होती है, जिसमें कुछ खास चीजों का भोग लगाकर देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जाता है। ये भोग केवल धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा नहीं बल्कि भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव और समृद्धि लाने के भी कारगर उपाय माने गए हैं।
दिवाली पूजा में मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है। खासकर बेसन के लड्डू, बूंदी के लड्डू या खीर का भोग देवी लक्ष्मी को अति प्रिय है। इन मिठाइयों से पूजा में मिठास आती है, जो घर में खुशियों और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है।
लक्ष्मी पूजा में सात्विक और ताजे फलों का भोग लगाने से देवी प्रसन्न होती हैं। जैसे कि अनार, केला, सेब और नारियल आदि। ये फल घर में धन, वैभव और स्वस्थ जीवन का प्रतीक हैं और इन्हें पूजा में शामिल करना शुभ फलदायी माना गया है।
माता लक्ष्मी का प्रतीक कमल का फूल होता है। इसीलिए, पूजा में कमल का फूल अर्पण करना शुभ होता है। साथ ही, मखाने का भोग लगाने से धन-धान्य में वृद्धि होती है। मान्यता है कि कमल और मखाने के भोग से देवी लक्ष्मी के कृपा प्राप्त होती है और सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।
गुड़ और तिल का भोग धन के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना गया है। ये दोनों चीजें देवी लक्ष्मी को प्रिय होती हैं और इनके भोग से घर में शांति और स्थायित्व आता है। खासकर, ठंडी जगहों में तिल के भोग से शरीर को भी गर्मी मिलती है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी है।
पान का पत्ता और सुपारी का भोग लक्ष्मी-गणेश पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। माना जाता है कि पान और सुपारी से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं। इसे सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक माना गया है।
इन विशेष भोगों को पूजा में शामिल करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और आर्थिक संपन्नता आती है। साथ ही, इन वस्तुओं से देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा भी प्राप्त होती है, जिससे जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इन भोगों को खासतौर से दिवाली पूजा में शामिल करने से घर में हर प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और परिवार में सुख, शांति और उन्नति का संचार होता है।
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