नई दिल्ली: ईश्वर की साधना के लिए सनातन परंपरा में मंत्र जाप को उत्तम रूप माना गया है. यदि कोई व्यक्ति अपने आराध्य को याद करने के लिए विधिपूर्वक श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र जप करना है तो हिंदू मान्यता के अनुसार उसे पूरी कृपा मिलती है. मान्यताओं के अनुसार यदि कोई भक्त अपने […]
नई दिल्ली: ईश्वर की साधना के लिए सनातन परंपरा में मंत्र जाप को उत्तम रूप माना गया है. यदि कोई व्यक्ति अपने आराध्य को याद करने के लिए विधिपूर्वक श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र जप करना है तो हिंदू मान्यता के अनुसार उसे पूरी कृपा मिलती है. मान्यताओं के अनुसार यदि कोई भक्त अपने आराध्य से जुड़े तीर्थ स्थान पर किसी वजह से नहीं जा पाता है तो उसे मंत्रों के द्वारा दर्शन एवं पूजन का फल प्राप्त हो सकता है.
इसी तरह यदि आप श्रावण मास में शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन न कर पाएं तो भी आप घर पर रहते हुए द्वादश ज्योतिर्लिंग के मंत्र का जप करके उनका आशीर्वाद पा सकते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव से जुड़े 12 ज्योतिर्लिंग पावन स्थान हैं जहां पर महादेव ज्योति के रूप में विराजमान हैं। जो कोई व्यक्ति अपने जीवनकाल में सभी 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजा अर्चना कर लेता ही वह सभी सुखों को भोगता हुआ मोक्ष को प्राप्त हो जाता ही. आइए जानते हैं क्या है 12 ज्योतिर्लिंग की पूजा का मंत्र जिसे सावन के महीने में जपने से आप पर महादेव की कृपा बरसेगी.
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं ओंकारंममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥
– 6 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी
– 13 जुलाई को कामिका एकादशी
– 14 जुलाई को प्रदोष व्रत
– 15 जुलाई को मासिक शिवरात्रि
– 16 जुलाई को कर्क संक्रांति
– 17 जुलाई को श्रावण अमावस्या
– 30 जुलाई को प्रदोष व्रत
– 1 अगस्त को पूर्णिमा व्रत
– 4 अगस्त को संकष्टी चतुर्थी
– 12 अगस्त को परम एकादशी
– 13 अगस्त को प्रदोष व्रत
– 14 अगस्त को मासिक शिवरात्रि
– 16 अगस्त को अमावस्या
– 17 अगस्त को सिंह संक्रांति
– 19 अगस्त को हरियाली तीज
– 21 अगस्त को नाग पंचमी
– 27 अगस्त को श्रावण पुत्रदा एकादशी
– 28 अगस्त को प्रदोष व्रत
– 29 अगस्त, मंगलवार को ओणम/थिरुवोणम
– 30 अगस्त को रक्षा बंधन
– 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा