Brahma Muhurt Rahasy: जानें ब्रह्म मुहूर्त में उठने का आलौकिक रहस्य, समय और महत्व

Brahma Muhurt Rahasy: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य करने से पहले पुरोहित या पंडित जी से शुभ मुहूर्त पूछा जाता है. एक दिन में कुल 30 मुहूर्त होते हैं. इन्हीं तीस मुहूर्तों में से एक हैं ब्रह्म मुहूर्त. इस आर्टिकल में हम आपको ब्रह्म मुहूर्त के आलौकिक रहस्य, समय और महत्व के बारे में बताएंगे.

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Brahma Muhurt Rahasy: जानें ब्रह्म मुहूर्त में उठने का आलौकिक रहस्य, समय और महत्व

Aanchal Pandey

  • October 11, 2020 3:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

Brahma Muhurt Rahasy: हिन्दू धर्म में लोग प्रत्येक छोटे-बड़े कार्य को करने पे पहले पंडित जी को बुलवाकर शुभ मुहूर्त निकलवाते हैं. माना कि किसी भी कार्य को किसी भी समय किया जा सकता है लेकिन प्रत्येक काम का एक शुभ समय होता है. अगर उसी काम को शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उस कार्य को करने से आपको निश्चित सफलता मिलती है. और आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. इसी शुभ समय को मुहूर्त कहा जाता है और यही कारण है कि शुभ मुहूर्त पर काम करने से काम आसानी से बन जाता है. लेकिन जब समय शुभ नहीं हो तो इंसान चाहे कितने ही हाथ-पैर मार लें अड़चनें आती ही रहती हैं, और अकसर काम बिगड़ जाता है.

ज्योतिषियों का कहना है कि हर 24 घंटों में से हर 48वें मिनट में मुहूर्त बदलता है. और इस हिसाब से एक दिन में कुल 30 मुहूर्त होते हैं. इन्हीं तीस मुहूर्तों में से एक मुहूर्त है ब्रह्म मुहूर्त. ब्रह्म मुहूर्त आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक सभी प्रकार से महत्वपूर्ण होता है. यह वह समय है जब देवता पृथ्वी लोक में विचरण करते हैं. और वायु एकदम स्वच्छ और लाभदायक होती है. यह वह शुभ समय होता है जब मंदिरों के पट खोल दिए जाते हैं. और पूजा आरंभ की जाती है. तो आइए आप भी जाने ब्रह्म मुहूर्त के बारे में जरुरी बातें.

ब्रह्म मुहूर्त का समय

शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त रात्रि के अंतिम प्रहर का तीसरा भाग यानि की सूर्योदय से लभगग डेढ़ घंटे पहले का समय होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुबह 04:15 से सुबह 05:15 तक का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है.

ब्रह्म मुहूर्त का महत्व

ब्रह्म मुहूर्त के चमत्कारी फायदों के बारे में सिर्फ शास्त्रों में ही नहीं बल्कि विज्ञान और आयुर्वेद में भी बहुत विस्तार से बताया गया है.

धार्मिक महत्व

वाल्मिकी द्वारा रचित रामायण के अनुसार रावण की लंका में अशोक वाटिका में हनुमान जी ब्रह्म मुहूर्त में ही पहुंचते थे, और उन्होंने सीता माता द्वारा किए जा रहे मंत्रों की आवाज सुनीं और वे सीता जी से मिले थे. ब्रह्म मुहूर्त में पहुंचने से उनका काम आसान हो गया था.

ऋग्वेद में लिखा हुआ है कि ‘प्रातारत्नं प्रातरिष्वा दधाति तं चिकित्वा प्रतिगृनिधत्तो।
तेन प्रजां वर्धयुमान आय यस्पोषेण सचेत सुवीर:।।’

अर्थात सूर्योदय होने से पहले उठने से इंसान स्वस्थ रहता है. और कोई भी बुद्धिमान इंसान इस समय को सोकर व्यर्थ नहीं करेगा. इस समय उठने वाले लोग हमेशा सुखी, ऊर्जावान बने रहते हैं, और उनकी आयु लंबी होती है.

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