नई दिल्ली: साल 2023 की आखिरी अमावस्या(Bhaumvati Amavasya 2023) 12 दिसंबर को है और यह मंगलवार को होने की वजह से इसे भौमवती अमावस्या कहा जाता है। भौमवती अमावस्या के दिन हनुमानजी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भौमवती अमावस्या के दिन बजरंगबली की पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं और […]
नई दिल्ली: साल 2023 की आखिरी अमावस्या(Bhaumvati Amavasya 2023) 12 दिसंबर को है और यह मंगलवार को होने की वजह से इसे भौमवती अमावस्या कहा जाता है। भौमवती अमावस्या के दिन हनुमानजी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भौमवती अमावस्या के दिन बजरंगबली की पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं और आपको पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए आपको बताते हैं साल की आखिरी भौमवती अमावस्या का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
भौमवती अमावस्या(12 दिसंबर) साल 2023(Bhaumvati Amavasya 2023) की आखिरी अमावस्या, मंगलवार को है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से अमंगल का नाश होता है।मंगलवारी अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करें।
मार्गशीर्ष की अमावस्या तिथि का प्रारम्भ 12 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 24 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसकी समाप्ति 13 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 01 मिनट पर होगी। ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी।
अमावस्या का दिन कर्ज से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही खास और शुभ दिन माना जाता है। इस दिन पूजापाठ और दान से या फिर पवित्र नदी में स्नान करने से आपको पुण्य की प्राप्ति होती है और आपके आर्थिक कष्ट दूर होते हैं। विष्णु पुराण में बताया गया है कि मंगलवार की अमावस्या का व्रत करने से आपको हनुमानजी ही नहीं बल्कि सूर्य, अग्नि, इंद्र, रूद्र, अष्टवसु, पितर, अश्विनी कुमार और ऋषियों का भी आशीर्वाद मिलता है। आप अपना कर्ज उतारने में सफल होते हैं। इस दिन ऋणमोचक मंगल का पाठ करें, कर्ज से मुक्ति पाने के लिए।
विवहित जीवन के साथ ही शारीरिक क्षमताओं में कमी, रोग द्वेष, क्षीण आयु और कलह-क्लेश को जन्म देता है। बता दें कि अगर मंगल दोष ज्यादा ही समस्या दे रहा हो तो भौमवती अमावस्या पर लाल मीठी चीजों का दान करें मंगल के मंत्र का जाप मध्य दोपहर करने से मंगल का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है।
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