नई दिल्ली. भाई बहन के प्रेम का त्योहार बाई दूज इस बार 29 अक्टूबर को पड़ रहा है. दिवाली के बाद भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है, भाई दूज के दिन बहन अपने भाई की रक्षा के लिए पूजा करते है, भाई दूज का त्योहार भी रक्षाबंधन की तरह होता है. भाई दूज के दिन बहने नारियल भाई को देकर टीका करती है, टीका करने के बाद बहने भाई आरती करती करती है, बदले में भाई अपने बहन को गिफ्ट देती है.
पूजा विधि
भाई दूज के दिन सबसे बहने बहने स्नान करने के बाद चावल के आटे का चौक तैयार करें. इस चौक पर भाई को बैठा कर भाईदूज की पूजा करती है. भाई दूज के दिन हथेली पर चावल का घोल लगाएं, इसके बाद भाई को तिलक लगाए है. इसके बाद भाई को कलावा बांधे और हाथ में सूखा नारियल दें. अंत में आरती उतारने के बाद भाई का मुंह मीठा करें.
भाई दूज शुभ मुहूर्त
इस साल 29 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से द्वितीया तिथि आरंभ हो रही है. शास्त्रों के अनुसार भाई दूज का त्योहार सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले मनाना चाहिए. लाभ चौघड़िया के समय भाई दूज का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है. शुभ चौघड़िया सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर शुरु होगा, दिन के 12 बजे 5 मिनच तक लाभ चौघड़िया का समय रहेगा. यह समय भाई दूज पूजन के लिए सबसे अधिक उत्तम है.
भाई दूज शुभ मुहूर्त प्रारंभ- दोपहर 12 बजकर 5 मिनट.
भाई दूज शुभ मुहूर्त समाप्त- दोपहर 4 बजकर 14 मिनट.
शुभ मुहूर्त की कुल अवधि- 2 घंटे 17 मिनट.
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