नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी के दौरान बप्पा को भक्ति के रूप में भोग चढ़ाने का काफी महत्व है। बप्पा के पूजनीय प्रसादों में से एक है छप्पन भोग जो सभी देवता को प्रसन्न करते और उनका सम्मान करने के लिए भक्त 56 तरह की भोग लगाते है.छप्पन भोग का महत्व प्रसाद से कहीं ज्यादा होता है.यह प्रचुरता, भक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक है जो गणपति अपने भक्तों को देते हैं.
हिंदू धर्म में छप्पन भोग का आध्यात्मिक अर्थ है। परंपरा के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण अपने बचपन में दिन में आठ बार भोजन करते थे.लोगों की रक्षा करने के लिए सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को उठाने के बाद भगवान कृष्ण का छप्पन भोग छूट गया. भक्तों उनके इन छूटे हुए छप्पन भोजन की भरपाई के लिए 56 खाद्य पदार्थों का एक भव्य भोग चढ़ाया था.तब से यह परंपरा गणेश चतुर्थी के समेत विभिन्न हिंदू त्योहारों में भी जारी रही है.
छप्पन भोग तैयार करने के लिए शुद्ध सामग्री का उपयोग करना चाहिए.साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक वस्तु देवता को प्रसन्न करने लिए बनाई गई है। भोग तैयार करने के बाद पूजा के दौरान भगवान गणेश की मूर्ति सामने भोग को सजाकर अर्पित करना चाहिए.इसके अलावा भोग के साथ प्रार्थना और मंत्रों का जाप किया जाता है, जिससे भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
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