नए घर में प्रवेश करना किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक खास और महत्वपूर्ण पल होता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के कुछ जरूरी नियमों का पालन करके आप अपने नए घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं। आइए जानते हैं वे महत्वपूर्ण वास्तु नियम जिनका पालन करना आवश्यक है।
नई दिल्ली: नए घर में प्रवेश करना किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक खास और महत्वपूर्ण पल होता है। यह न केवल परिवार के लिए नई शुरुआत का संकेत होता है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का अवसर भी होता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के कुछ जरूरी नियमों का पालन करके आप अपने नए घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं। आइए जानते हैं वे महत्वपूर्ण वास्तु नियम जिनका पालन करना आवश्यक है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शुभ मुहूर्त में गृह प्रवेश करना अत्यंत आवश्यक है। शुभ तिथि और समय का चयन पंडित या ज्योतिषी से सलाह लेकर करें। विशेष रूप से अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी, और दशहरा जैसे शुभ दिनों को प्राथमिकता दें।
मुख्य दरवाजे को घर का मुख माना जाता है। यह उत्तर, पूर्व, या उत्तर-पूर्व दिशा में हो तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य दरवाजा बनवाने से बचें।
गृह प्रवेश के दिन कलश स्थापना और हवन करना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह प्रक्रिया घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करती है और सकारात्मकता को बढ़ावा देती है।
नए घर में पूजा स्थल को उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना सबसे अच्छा माना गया है। यह दिशा ईश्वर की कृपा पाने और परिवार के कल्याण के लिए आदर्श मानी जाती है।
गृह प्रवेश से पहले पूरे घर की साफ-सफाई जरूर करें। घर के हर कोने को साफ करें और सजावट के लिए आम के पत्तों और गेंदे के फूलों की तोरण बनाएं। यह सकारात्मकता को बढ़ाता है।
रसोई को अग्नि तत्व का प्रतीक माना जाता है। इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना शुभ होता है। यदि यह संभव न हो, तो रसोई की सही दिशा के लिए वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लें।
गृह प्रवेश के समय कुछ शुभ वस्तु, जैसे नारियल, फूल, या चावल लेकर घर में प्रवेश करें। इसे धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
अगर नए घर में कोई वास्तु दोष है, तो गृह प्रवेश से पहले उसका निवारण करवा लें। यह दोष भविष्य में समस्याएं पैदा कर सकता है।
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