Basant Panchami 2024: आज बसंत पंचमी, इस तरह करें मां सरस्वती की पूजा

नई दिल्लीः आज बसंत पंचमी के दिन घरों, संस्थानों और शिक्षण संस्थानों में विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। पूजा का शुभ समय सुबह 7:01 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक है. हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है। बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष […]

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Basant Panchami 2024: आज बसंत पंचमी, इस तरह करें मां सरस्वती की पूजा

Tuba Khan

  • February 14, 2024 8:52 am Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्लीः आज बसंत पंचमी के दिन घरों, संस्थानों और शिक्षण संस्थानों में विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। पूजा का शुभ समय सुबह 7:01 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक है. हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है। बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन मां सरस्वती को समर्पित है। बसंत पंचमी को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मंगलवार को तैयारी पूरी कर ली।

मां सरस्वती की मूर्ति हुई स्थापित

पूर्वा सांस्कृतिक मंच के संस्थापक महासचिव अध्यक्ष सुभाष झा ने बताया कि राजपुर रोड स्थित साईं मंदिर में सरस्वती की मूर्ति स्थापित की गई है। सुबह पूजा-अर्चना के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसके बाद संध्या आरती व सम्मान कार्यक्रम होगा।

कल होगा प्रतिमा का विसर्जन

भजन संध्या में मल्लिक मिथिला दरभंगा घराना के डा. प्रभाकर नारायण अपनी प्रस्तुति देंगे. प्रतिमा का विसर्जन गुरुवार को होगा. बिहारी महासभा के सचिव चंदन कुमार झा ने बताया कि सरस्वती पूजा महोत्सव राजपुर रोड स्थित श्री शिव रूद्र बालयोगी ट्रस्ट के प्रांगण में होगा.

मान्यता

आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा व माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुई थीं। इस कारण से इस दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है। शास्त्रों के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी व देवी काली भी प्रसन्न होती हैं।

ऐसे करें पूजा

सुबह स्नान करने के बाद पीले या सफेद वस्त्र पहनें और देवी सरस्वती की पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थल पर माता सरस्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करने के बाद गंगा जल से स्नान करें और पीले वस्त्र पहनें। पीले फूल, पीले गुलाब, धूप और दीप अर्पित करें। गेंदे के फूलों से सजाने के बाद पीली मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं। सरस्वती पूजन, गायन एवं वंदन।

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