नई दिल्ली, Basant Panchami 2022: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है, इस दिन माँ सरस्वती की पूजा का विधान है. इस दिन लोग तरह-तरह की मिठाइयां और पकवान बनाते हैं, कई जगह इस दिन उत्सव भी मनाए जाते हैं.
माना जाता है कि सबसे पहले पीतांबर धारण करके भगवान श्रीकृष्ण ने देवी सरस्वती का पूजन माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया था, तब से ही इस दिन माँ सरस्वती की पूजा की जाती है. माँ सरस्वती को शारदे, वीणावादिनी, ज्ञानदायनी, बागीश्वरी, भगवती आदि नामों से बुलाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है क्योंकि पीले रंग का संबंध गुरु ग्रह से है जो ज्ञान, धन और शुभता के कारक माने जाते हैं. वहीं गुरु ग्रह के प्रभाव से धन बढ़ता है, सुख, समृद्धि प्राप्त होती है, पीले रंग धारण करने से घर में सुख समृद्धि और शांति आती है. साथ ही, जीवन में धन, दौलत, मान-यश की प्राप्ति होती है.
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शनिवार, 5 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन रविवार, 6 फरवरी को सुबह 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले की जाती है. इस दिन पीले चावल, केसरयुक्त खीर, पीले लड्डू आदि चीज़ों का भोग माँ शारदा को लगाया जाता है.
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