नई दिल्लीः देश-विदेश में मथुरा के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी जी का मंदिर बेहद मशहूर है। हर साल इस मंदिर में श्रद्धालु ज्यादा संख्या में बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। बांके बिहारी […]
नई दिल्लीः देश-विदेश में मथुरा के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी जी का मंदिर बेहद मशहूर है। हर साल इस मंदिर में श्रद्धालु ज्यादा संख्या में बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। बांके बिहारी जी के दर्शन सदैव श्रद्धालुओं को टुकड़ों में कराए जाते हैं।
एक कथा के मुताबिक, बांके बिहारी मंदिर में 400 साल पहले तक पर्दा नहीं डाला जाता था। श्रद्धालु जितनी देर चाहे उतनी देर तक बांके बिहारी जी दर्शन कर पाते थे। एक बार एक साधक बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए मंदिर आया। तब वह ज्यादा देर तक बहुत प्रेम से मन लगाकर बांके बिहारी जी के दर्शन करने लगा। उस दौरान भगवान साधक के प्रेम से खुश होकर उनके साथ ही चलने लगे। जब यह दृश्य पंडित जी ने अपनी आंखो से देखा तो मंदिर में बांके बिहारी जी की मूर्ति नहीं थी। तो उन्होंने भगवान से वापस मंदिर में चलने के लिए विनती की। तभी से हर 2 मिनट के गैप पर बांके बिहारी जी के सामने पर्दा डालने की परंपरा की जाने लगी।
जानकारी के लिए बता दें कि बांके बिहारी मंदिर के ऐसे कई और दूसरे रहस्य हैं। जैसे कि साल में केवल एक दिन मंगला आरती होना, साल में सिर्फ एक बार भवगान बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन होना। इसके अलावा वर्ष में केवल एक बार बंसी और मुकुट धारण करना। मान्यता के मुताबिक, साधक जो बांके बिहारी जी से मनोकामनाएं मांगते है। वह पूरी हो जाती है।