Badrinath Dham Kapat Opens: बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुले, चार धाम यात्रा हुई शुरू

Badrinath Dham Kapat Opens, Badrinath Dham Kapat Opening Date Time, Chardham Yatra 2019: चार धाम यात्रा मंगलवार से शुरू हो चुकी है. चार धामों में से एक प्रमुख धाम बद्रीनाथ मंदिर के कपाट भी शुक्रवार 10 मई 2019 को सुबह 4:15 बजे खुल जाएंगे. इससे पहले गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं. देश भर से श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम समेत चार धाम की यात्रा पर निकल पड़े हैं.

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Badrinath Dham Kapat Opens: बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुले, चार धाम यात्रा हुई शुरू

Aanchal Pandey

  • May 9, 2019 5:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

चमोली, उत्तराखंड. Chardham Yatra 2019: चार धाम की यात्रा मंगलवार से शुरू हो गई है. चार धामों में से एक प्रसिद्ध धाम बद्रीनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार 10 मई को खुलने जा रहे हैं. हिमालय की ओट में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे. बद्रीनाथ धाम को बद्री विशाल के नाम से भी जाना जाता है. इससे पहले मंगलवार को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुले. इसके बाद गुरुवार को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए.

Chardham Yatra 2019: बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का समय
हर साल अप्रैल और मई महीने में बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं. बसंत पंचमी के दिन बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तारीख तय की गई. इस साल 10 मई 2019 को सुबह अभिजीत मुहूर्त में 4 बजकर 15 मिनट पर बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. कपाट खुलने के बाद करीब 6 महीने तक चार धाम की यात्रा जारी रहेगी. देशभर से श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए पहुंचेंगे. सर्दियों में बर्फबारी होने के चलते बद्रीनाथ धाम की यात्रा बंद कर दी जाती है. बद्रीनाथ धाम के कपाट 9 नवंबर 2019 को पूजा-अर्चना कर बंद किए जाएंगे. हालांकि कपाट बंद होने की अनुमानित तारीख है. विजयादशमी यानी दशहरे के दिन ही कपाट बंद होने की तारीख तय की जाएगी.

Chardham Yatra 2019: बद्रीनाथ धाम का पौराणिक महत्व
बद्रीनाथ धाम हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का खासा महत्व है. माना जाता है कि इंसान को अपने जीवन में एक बार चार धाम की यात्रा अवश्य करनी चाहिए और बद्रीनाथ मंदिर चार धामों में से एक प्रमुख धाम है. बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु का मंदिर है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक ऋषि भागीरथ की तपस्या के बाद गंगा का पृथ्वी पर अवतरण होना था. उस दौरान गंगा का वेग इतना ज्यादा था कि वह पूरी पृथ्वी को तहस नहस कर सकती थी. गंगा के वेग को कम करने के लिए महादेव ने गंगा को 12 अलग-अलग धाराओं में बांट दिया. और इसमें से एक अलकनंदा भी शामिल है. बद्रीनाथ धाम पवित्र अलकनंदा के किनारे ही बसा है.

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