नई दिल्ली: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को(Ayodhya Ram Temple) मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसके बाद आम लोगों के लिए मंदिर को खोल दिया जाएगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान अयोध्या में मौजूद रहेंगे। अयोध्या बाबरी मंजिद मामले के बाद एक चबूतरे में श्रीराम के बाल स्वरूप की पूजा की जा रही थी। […]
नई दिल्ली: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को(Ayodhya Ram Temple) मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसके बाद आम लोगों के लिए मंदिर को खोल दिया जाएगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान अयोध्या में मौजूद रहेंगे। अयोध्या बाबरी मंजिद मामले के बाद एक चबूतरे में श्रीराम के बाल स्वरूप की पूजा की जा रही थी। सालों बाद रामलला अपने महल में विराजेंगे।
बता दें कि राम मंदिर में विराजमान होने वाली रामलला की नई मूर्ति दुनिया की सबसे अनोखी मूर्ति होगी। ये तो हम सभी जानते हैं कि राम मंदिर में नई प्रतिमा में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि पुरानी मूर्तियों का क्या होगा?
जानकारी के मुताबिक राम मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की पुरानी(Ayodhya Ram Temple) मूर्ति को भी नई मूर्ति के साथ ही स्थापित किया जाएगा। वहीं नई मूर्ति को अचल मूर्ति कहा जाएगा, जबकि पुरानी मूर्ति उत्सवमूर्ति के तौर पर होगी। श्रीराम से जुड़े सभी उत्सवों में उत्सवमूर्ति को ही शोभायात्रा में विराजमान किया जाएगा। लेकिन वहीं नई मूर्तियां सदा गर्भ गृह में भक्तों के दर्शन के लिए होगी।
गौरतलब है कि रामलला की पुरानी मूर्ति की ऊंचाई बहुत छोटी है। जिसकी कारण भक्तों को मूर्ति के दर्शन नहीं हो पाते। वहीं राम के बालक स्वरूप की नई मूर्तियां 51 इंच की होगी। रामलला के भक्तों को मूर्ति के 35 फीट दूर से दर्शन हो सकेंगे। बता दें कि ये मूर्ति 5 साल के बालक के स्वरूप पर बनाई जाएगी।
बता दें कि रामलला की प्रतिमा में वैज्ञानिक रहस्यों का समावेश भी होगा। जानकारी के मुताबिक राम मंदिर के लिए एक उपकरण तैयार किया जा रहा है और ये यंत्र मंदिर के शिखर पर लगेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि राम नवमी पर यंत्र के जरिए रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणें सीधें पड़ेंगी।
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