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Astro: जानिए पितृ पक्ष में कब करें श्राद्ध, और किन बातों का रखे ध्यान

नई दिल्ली: पितृपक्ष शब्द सुनते या पढ़ते के साथ ही मन में पूर्वजों का चित्र और उनकी स्मृतियां ध्यान आ जाती हैं. इतना ही नहीं हमारे मन में उनके प्रति श्रद्धा व प्रेम भी उत्पन्न होता है. आपको बता दें, पितृपक्ष एक ऐसा अवसर है, जिस पर हमें सोचना चाहिए कि हम रात-दिन बच्चों के […]

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  • August 20, 2022 9:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: पितृपक्ष शब्द सुनते या पढ़ते के साथ ही मन में पूर्वजों का चित्र और उनकी स्मृतियां ध्यान आ जाती हैं. इतना ही नहीं हमारे मन में उनके प्रति श्रद्धा व प्रेम भी उत्पन्न होता है. आपको बता दें, पितृपक्ष एक ऐसा अवसर है, जिस पर हमें सोचना चाहिए कि हम रात-दिन बच्चों के भविष्य की चिंता व मेहनत में लगे हैं, लेकिन यदि आपका पौत्र-पितृ आपका अभिवादन तक नहीं करता हो तो ऐसे में आपकी आत्मा को बहुत कष्ट होगा.

किस दिन करें श्राद्ध कर्म

दो-तीन पीढ़ी ऊपर के पूर्वजों के बारे में तो सभी जानते हैं, क्योंकि वह आपसे काफी हद तक जुड़े भी रहे हैं. ऐसे में उनका श्राद्ध देह त्याग की तिथि को ही करना चाहिए, किंतु जिन पूर्वजों की तिथि के बारे में हमें नहीं पता है, शास्त्रों में उनका श्राद्ध अमावस्या को करना बताया गया है.

पितरों के नाराज होने के मिलते हैं ये संकेत

-यदि मृतक का अंतिम संस्‍कार विधि-विधान से न किया गया हो व पितरों की शांति के लिए अच्छे से तर्पण-श्राद्ध न किया जाए या फिर सही विधि से पिंडदान न किया गया हो तो व्‍यक्ति पर पितृ दोष लगता है.

– पितृ दोष के चलते व्‍यक्ति को मेहनत करने के बाद भी अच्छा फल नहीं मिल पाता है. व्यक्ति तनाव में रहता है और अपने कारोबार में नुकसान झेलता है.

– पितृ दोष के चलते घर के बने काम बिगड़ने लगते हैं. इतना ही नहीं लोगों के वैवाहिक जीवन में भी समस्‍या आने लगती है. अविवाहितों के विवाह में बेवजह लगातार बाधाएं आने लगती हैं.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.)

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