Ashadha Amavasya 2018: आषाढ़ मास की अमावस्या को काफी शुभ माना जाता है. अमावस्या पर दान-पुण्य व पितरों की आत्मा की शांति के लिये पूजा अर्चना की जाती है. जुलाई में अमावस्या तिथि व शुभ मुहूर्त जानने के लिए नीचे देखें.
नई दिल्ली.शुक्ल पक्ष का अंतिम दिन यानि जिस दिन चंद्रमा और रात काफी अंधकार वाली होती है उसे अमावस्या कहा जाता है. अमावस्या प्रत्येक माह आती है इस दिन पित्रों की खासतौर पर पूजा की जाती है. हर मास चंद्रमा बढ़ता और घटता है इस क्रम से दो कला बनती है. जब चंद्रमा घटती कला का होता है तो उसे कृष्ण पक्ष और बढ़ती कला को शुक्ल पक्ष कहा जाता है.
इसी प्रकार जब कला का पूर्ण रूप यानी चंद्रमा जब पूरा गोल होता है तब पूर्णिमा होती है और घटता चंद्रमा व अंधकार वाली रात अमावस्या कहलाती है. ऐसे ही आषाढ़ माह की अमावस्या को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. बता दें सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या तो शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या शनि अमावस्या कहते हैं.
आषाढ़ का महीना पूजा-पाठ के मायनों में खास होता है. इस माह से वर्षा ऋतु का आगमन होता है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को शुभ माना जाता है. इस माह की अमावस्या को सच्चे भाव व श्रद्धा से पूजा करने से मन को शांति और घर को लाभ मिलता है. बता दें अमावस्या पर दान-पुण्य व पितरों की आत्मा की शांति के लिये पूजा अर्चना की जाती है.
जानिए कब है जुलाई में आषाढ़ अमावस्या (ashadha amavasya date and time)
इस बार दो अमावस्या पड़ रही है. श्रद्धालु दोनों दिन पूजा अराधना कर सकते हैं. अमावस्या 2018 जुलाई में 12 व 13 को है. ज्योतिष जानकारों के अनुसार जो लोग पितृकर्म करना चाहते हैं उनके लिए 12 जुलाई को अमावस्या करना शुभ रहेगा. अमावस्या तिथि 12 जुलाई को 12 बजकर 01 मिनट से आरंभ हो रही है. वहीं 13 जूलाई को अमावस्या सूर्योदय के बाद शुरू हो रही है.
आषाढ़ अमावस्या को लगेगा 2018 का दूसरा सूर्य ग्रहण
आषाढ़ मास में सूर्यग्रहण भी लगने जा रहा है. साल का दूसरा सूर्यग्रहण इसी अमावस्या पर लगेगा. 13 जुलाई को सूर्य ग्रहण है हालांकि यह भारत में देखने को नहीं मिलेगा.
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