Apara Ekadashi 2018: अपरा या अचला एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये 5 काम

Apara Ekadashi 2018 Puja Vidhi: अपरा या अचला एकादशी का व्रत सौभाग्य, करियर, संतान व परिवार के सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है. हिंदू नववर्ष की पांचवी एकादशी यानि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष पर पड़ने वाली एकादशी को अपरा या अचला एकादशी कहा जाता है. कई जगह अपरा न कह कर इस एकादशी को अचला एकादशी या ग्यारस कहा जाता है.

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Apara Ekadashi 2018: अपरा या अचला एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये 5 काम

Aanchal Pandey

  • May 11, 2018 12:07 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. साल भर में 12 एकादशी होती है जिसका अलग अलग महत्व है. एकादशी पर मूलत भगवान विष्णु को पूजा जाता है और घर के सौभाग्य, करियर, संतान के लिए भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. हिंदू नववर्ष की पांचवी एकादशी यानि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष पर पड़ने वाली एकादशी को अपरा या अचला एकादशी कहा जाता है. कई जगह अपरा एकादशी न कह कर इस एकादशी को अचला एकादशी या ग्यारस एकादशी कहा जाता है.

हिंदू मान्यताओं के अनुसार पद्म पुराण में यूधिष्ठर एवं कृष्ण के संवाद में इस एकादशी व्रत के बारे में संकेत मिलते हैं. इस व्रत की महिमा के बारे में भगवान कृष्ण यूधिष्ठर से कहते हैं. इस सवांद में भगवान कृष्ण कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण पड़ने पर दान का जो असीम फल प्राप्त होता है उससे कई गुणा अधिक फल इस व्रत को करने से होता है.

तभी से इस व्रत को किया जाता है और इस व्रत की महिमा को मानते हुए श्रद्धालु विधि विधान से इस व्रत को पूरा करते हैं. कहा जाता है कि पापों की मुक्ति के लिए ये व्रत सबसे श्रेष्ठ है. इससे पूर्व त्रेता युग में भी इस व्रत की महिमा का जिक्र है जहां महर्षि वशिष्ठ ने भगवान राम को इस व्रत के बारे में बताया था. हिंदू मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में भगवान राम ने भी एकादशी के व्रत का पालन कर रावण पर विजय प्राप्त की थी. इस महत्वपूर्ण व्रत पर कुछ काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए, जानिए कौन से.

1. अपरा या अचला एकादशी पर दातुन से दांत साफ नहीं करना चाहिए. इसके पीछे का कारण ये है कि भगवान विष्णु के व्रत में किसी भी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
2.इस व्रत को करें या नहीं लेकिन एकादशी पर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए.
3. एकादशी व्रत के दिन पूरी रात भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. कहा जाता है कि एकादशी की रात को सोना नहीं चाहिए.
4.एकादशी पर शराब, ध्रुमपान, कोई भी नशा जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
5. एकादशी पर क्रोध, गुस्सा व ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए. इससे मानसिक हिंसा होती है.

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