नई दिल्ली: जब हम किसी का कुछ बिगाड़(Ancient Time Weird Curses) नहीं पाते तो उसे श्राप दे देते है। फिर चाहे उस पर श्राप का असर हो या ना हो। श्राप अपने क्रोध को जाहिर करने के लिए एक आसान तरीका बना हुआ है। बता दें कि युगों पहले जब धरती पर देवता विचरते थे […]
नई दिल्ली: जब हम किसी का कुछ बिगाड़(Ancient Time Weird Curses) नहीं पाते तो उसे श्राप दे देते है। फिर चाहे उस पर श्राप का असर हो या ना हो। श्राप अपने क्रोध को जाहिर करने के लिए एक आसान तरीका बना हुआ है। बता दें कि युगों पहले जब धरती पर देवता विचरते थे उस समय से श्राप का चलन है। उस समय जब देवता श्राप देते थे तो वे श्राप हकीकत बन जाते थे। तभी से कुछ ऐसे श्राप थे, जो अजीब थे और आज ऐतिहासिक है। तो चलिए अब जानते हैं उन अजीबो गरीब श्राप के बारे में जिन्हे हम आज भी देख रहे हैं।
असुरों और देवों के बीच इतिहास में कई लड़ाइयां हुईं थीं। जानकारी दे दें कि देवताओं से जीत हासिल करने के लिए असुरो के गुरु शुक्राचार्य को एक समाधान सूझा कि मृतसंजीवनी स्तोत्रम नामक एक मंत्र को पाना, जो असुरों को अजेय बना सकता था। वहीं शुक्राचार्य ने तपस्या के जरिए(Ancient Time Weird Curses) मृतसंजीवनी मंत्र हासिल करने का मन बन लिया और फिर तपस्या के लिए भगवान शिव के निवास के बाहर आसन लगा लिया। उस दौरान शुक्राचार्य ने अपने असुर शिष्यों को आदेश दिया कि वे उनके पिता भृगु के आश्रम में जाकर आराम कर लें।
बता दें कि देवों को मालूम था कि असुर आश्रम में तपस्वी के तौर पर आराम कर रहे हैं और उनके पास हथियार भी नहीं हैं। उस दौरान सारे देवता असुरों को मारने के लिए चले गए थे। जिसके बाद देवो से बचने के लिए असुरो ने भृगु की पत्नी से सुरक्षा की मांग की। भृगु की पत्नी इतनी ताकतवर थी कि उन्होंने इंद्र को स्थिर कर दिया। देव डर के भगवान विष्णु के पास जा पहुंचे। विष्णु जी ने देवताओं से कहा कि अगर वे बचना चाहते है तो उनके शरीर में प्रवेश कर जाए।इस बात पर भृगु की पत्नी गुस्से से लाल हो उठी और विष्णु को धमकाया कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें इसका अंजाम भुगतना पडेगा। फिर इस बात पर विष्णु को गुस्सा आ गया और उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से महिला को मार डाला।
मालूम हो कि जब भृगु ने सुना कि उनकी पत्नी को मार डाला गया है तो वे आगबबूला हो गए। जिसकी वजह से उन्होंने विष्णु को श्राप दिया कि उन्हें धरती पर कई बार जन्म लेना होगा और जन्म व मरण के चक्रों को झेलना भी होगा। इसी वजह से विष्णु कई अवतार लेकर धरती पर आए और इन्हीं बातो पर महाभारत व रामायण के महाकाव्यों की रचना की गई।
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