November 8, 2024
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Akshaya Tritiya : अगर आप अक्षय तृतीया पर करना चाहते हैं गृह प्रवेश, तो ये आपके लिए हो सकता है शुभ

Akshaya Tritiya : अगर आप अक्षय तृतीया पर करना चाहते हैं गृह प्रवेश, तो ये आपके लिए हो सकता है शुभ

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नई दिल्ली : अक्षय तृतीया का त्योहार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी. मान्यता के मुताबिक ये दिन सभी के लिए भाग्य और सफलता लाता है. अक्षय त्रिता हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. इस दिन को सबसे शुभ दिन माना जाता है क्योंकि इस दिन विभिन्न शुभ कार्यक्रम होते हैं. इस दिन को आखा तीज के नाम से जाना जाता है.

Akshay Tritiya Katha: अक्षय तृतीया की कथा है खास, इसे सुनने मात्र से बन  जाएंगे पुण्य के भागीदार
Akshay Tritiya Katha

ये दिन पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. संस्कृत में “अक्षय” शब्द का अर्थ अनंत काल है, इसलिए ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने, गरीबों को दान देने और प्रार्थना करने से शुभ फल मिलता है. बता दें कि अक्षय तृतीया दिवस देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है, और इस दिन सोना, चांदी या वाहन खरीदने से आपकी आर्थिक परेशानियां दूर हो जाएंगी. तो ऐसे में अगर आप नए घर में जाने की सोच रहे हैं तो अक्षय तृतीया से ज्यादा शुभ दिन कोई नहीं है. अक्षय तृतीया 2024 आपकी घर वापसी का जश्न मनाने का सबसे अच्छा समय है.

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अक्षय तृतीया गृह प्रवेश का शुभ मुहूर्त

चर (सामान्य) – प्रातः 05:33 – प्रातः 07:14
लाभ (उन्नति) – प्रातः 07:14 – प्रातः 08:56
अमत (सर्वोत्तम) – प्रातः 08:56 – प्रातः 10:37
शुभ (उत्तम) – दोपहर 12:18 – दोपहर 01:59

गृह प्रवेश की पूजा विधि

1. सुबह स्नान के बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण करें.
2. गृह प्रवेश के दिन शुभ मुहूर्त में घर को फूलों, तोरण से सजाएं, मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं. दोनों ओर जल भरे कलश पर दीपक जलाकर रखें.
3. घर के ईशान कोण में पूजा करें, पूजा की चौकी पर अनाज से नवग्रह बनाएं फिर वहां कलश स्थापित करें.
4. गृह प्रवेश के समय सबसे पहले चौखट की पूजा करें.
5. चौखट पूजन के बाद दिक्पाल, क्षेत्रपाल और ग्राम देवता की पूजा करें.
6. इसके उपरांत पति-पत्नी साथ मिलकर मुख्य द्वार से गृह प्रवेश करें, इसके लिए दायां पैर आगे रखें.
7. गृह प्रवेश वाले दिन रसोईघर की पूजा करें, चूल्हे पर दूध उबालें और फिर खीर बनाएं। इसके बाद सत्यनारायण की कथा करें.
8. घर में हवन और नवग्रह शांति अवश्य करवाएं.

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