Ahoi Ashtami : अहोई अष्टमी कल! इन नियमों का करें पालन

नई दिल्ली. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का पर्व मनाया जाता है, इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और उनके उज्जवल भविष्य के लिए व्रत रखती हैं, इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा. इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती […]

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Ahoi Ashtami : अहोई अष्टमी कल! इन नियमों का करें पालन

Aanchal Pandey

  • October 16, 2022 10:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का पर्व मनाया जाता है, इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और उनके उज्जवल भविष्य के लिए व्रत रखती हैं, इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा. इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है, अहोई अष्टमी के दिन पूरे दिन माताएं अपनी संतान के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, ये व्रत तारे देखकर तोड़ा जाता है. इस साल अहोई अष्टमी के व्रत पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, साथ ही ये भी कहा जाता है कि अहोई अष्टमी के दिन कुछ खास उपाय करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है.

अहोई व्रत के नियम

अहोई अष्टमी के दिन पूजा प्रदोषकाल में की जाती है. इस दिन सभी माताएं सूर्योदय से पहले जागती हैं और फिर नाहा-धो कर अहोई माता की पूजा करती है. पूजा के लिए अहोई देवी मां की आठ कोने वाली तस्वीर पूजा स्थल पर रखें, मां अहोई के तस्वीर के साथ वहां साही की भी तस्वीर भी ज़रूर रखें, बता दें साही एक कांटेदार जीव होता है, जो मां अहोई के नज़दीक बैठता है इसलिए पूजा के समय साही की तस्वीर ज़रूर रखी जाती है, पूजा की प्रक्रिया शाम को शुरू होती है. पूजा की छोटी टेबल को गंगा जल से साफ़ कर लें.

इसके बाद इस टेबल पर आंटे की चौकोर रंगोली बनाएं और मां की तस्वीर के पास एक कलश भी रखें. इसके बाद किसी बुजुर्ग महिला के मुख से अहोई माता की कथा सुनें, फिर अहोई माता को खीर एवं पैसा चढ़ाएं. फिर रात को तारे देखकर आप अपना व्रत खोलें, बता दें अगर अहोई अष्टमी के दिन ज़रूरतमंद, अनाथ और बुज़ुर्ग लोगों को भोजन कराया जाए तो माता अहोई बहुत प्रसन्न होती हैं.

शुभ मुहूर्त

अहोई अष्टमी के दिन अष्टमी तिथि की शुरुआत 17 अक्टूबर, सोमवार, सुबह 09 बजकर 29 मिनट से हो रही है और इसका समापन सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर होगा. वहीं, अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 14 मिनट से शाम 07 बजकर 28 मिनट तक है.

पारण का समय

अहोई अष्टमी के दिन जो माताएं तारों को देखकर पारण करती हैं, वो शाम के समय 6 बजकर 36 मिनट पर अपने व्रत का पारण कर सकती हैं. जबकि, जो महिलाएं चंद्रमा को देखकर अपने व्रत का पारण करती हैं वो रात 11 बजकर 24 मिनट के बाद पारण कर सकती हैं.

 

 

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