नई दिल्ली. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का पर्व मनाया जाता है, इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और उनके उज्जवल भविष्य के लिए व्रत रखती हैं, इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा. इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती […]
नई दिल्ली. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का पर्व मनाया जाता है, इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और उनके उज्जवल भविष्य के लिए व्रत रखती हैं, इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा. इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है, अहोई अष्टमी के दिन पूरे दिन माताएं अपनी संतान के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, ये व्रत तारे देखकर तोड़ा जाता है. इस साल अहोई अष्टमी के व्रत पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, साथ ही ये भी कहा जाता है कि अहोई अष्टमी के दिन कुछ खास उपाय करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है. आइए जानते हैं अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त, उपाय और तारें निकलने का समय :
अहोई अष्टमी के दिन अमृत काल -सुबह 02 बजकर 31, 18 अक्टूबर से ,सुबह 04 बजकर 19 मिनट, 18 अक्टूबर तक रहेगा.
अहोई अष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 05 बजकर 13 मिनट, 18 अक्टूबर से सुबह 06 बजकर 33 मिनट, 18 अक्टूबर तक रहेगा.
अहोई अष्टमी के दिन शिव योग- 17 अक्टूबर, प्रात:काल से लेकर शाम 04 बजकर 02 मिनट तक रहेगा.
अहोई अष्टमी के दिन अष्टमी तिथि की शुरुआत 17 अक्टूबर, सोमवार, सुबह 09 बजकर 29 मिनट से हो रही है और इसका समापन सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर होगा. वहीं, अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 14 मिनट से शाम 07 बजकर 28 मिनट तक है.
अहोई अष्टमी के दिन संतान प्राप्ति के लिए भगवान शिव और माता पार्वती को दूध भात का भोग लगाएं, साथ ही इस दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक भी जलाएं, वहीं, इस दिन अहोई माता की पूजा करते समय उन्हें सफेद रंग के फूल अर्पित करना बिल्कुल न भूलें.
अहोई अष्टमी के दिन शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें और माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें, इस उपाय को आप अहोई अष्टमी के लेकर भाई दूज तक किसी भी दिन कर सकते हैं.
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