Ahoi Ashtami 2019 21 October: 21 अक्टूबर को रखा जाएगा अहोई अष्टमी व्रत, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त समेत सभी जानकारी

Ahoi Ashtami 2019, Ahoi Ashtami Subh Muhurat: करवा चौथ के चार दिन बाद अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ व्रत के बाद काफी अहम है. अहोई अष्टमी का व्रत महिलाएं संतान की लंबी आयु और उसकी मंगल कामना के लिए रखती हैं. यहां पढ़ें अहोई अष्टमी व्रत, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त समेत सभी जानकारी.

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Ahoi Ashtami 2019 21 October: 21 अक्टूबर को रखा जाएगा अहोई अष्टमी व्रत, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त समेत सभी जानकारी

Aanchal Pandey

  • October 9, 2019 2:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तिथि के दिन पड़ता है. इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 21 अक्टूबर को रखा जाएगा. करवा चौथ के बाद महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी व्रत का काफी महत्व है. करवाचौथ का व्रत महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं तो वहीं अहोई अष्टमी का व्रत संतान की लंबी उम्र और उनकी मंगल कामना के लिए किया जाता है. जिन महिलाओं की कोई संतान नहीं हैं वे भी संतान सुख के लिए ये व्रत करती हैं. तारों और चंद्रमा के दर्शन के बाद ही अहोई अष्टमी का व्रत खोला जाता है.

हिंदू शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि अहोई अष्टमी का व्रत रखने से अहोई माता खुश होकर बच्चों की सलामती और मंगलमय जीवन का आशिर्वाद देती हैं. अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद और दीपावली से आठ दिन पहले रखा जाता है. इस दिन मथुरा के राधा कुंड में लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचते हैं.

अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त 2019: Ahoi Ashtami 2019 Subh Muhurat

  • पूजा समय- 21 अक्तूबर 2019 को शाम 05:45 बजे से 07:02 बजे तक
  • तारों के दिखने का समय- शाम 06:10 बजे
  • चंद्रोदय- 21 अक्तूबर 2019 को रात्रि 11:46
  • अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 21 अक्तूबर 2019 को प्रातः 6:44 बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त- 22 अक्तूबर 2019 को प्रातः 5:25 बजे

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अहोई अष्टमी पूजा विधि: Ahoi Ashtami 2019 Puja Vidhi

– अहोई अष्टमी के दिन माताओं को पूजा की तैयारियां सूर्य अस्त होने से पहले पूरी कर लेनी चाहिए.
– सबसे पहले घर की दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएं.
– एक कलश में पानी रकें और उसके ऊपर करवा चौथ पर इस्तेमाल किया गया करवा रख दें.
– अब अपने हाथों में गेहूं और अहोई अष्टमी की व्रत कथा सुनें.
– पूजा समाप्त होने के बाद अहोई अष्टमी की आरती करें.
– इसके बाद महिलाएं कलश से चंद्रमा और तारों को अर्घ्य दें.
– अब बचे हुए पानी से दिवाली के दिन पूरे घर में छिड़काव करें.
– अर्घ्य देने के बाद अहोई अष्टमी का व्रत संपन्न हो जाता है.

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