नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र के विशेषज्ञों ने आज एक महत्वपूर्ण सलाह दी है जो घर के मुख्य द्वार से संबंधित है। उनके अनुसार, घर के मुख्य द्वार के सामने कुछ विशेष चीजें नहीं होनी चाहिए, जो घर के वास्तु और उसमें रहने वालों के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। इस बारे में प्रमुख वास्तु […]
नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र के विशेषज्ञों ने आज एक महत्वपूर्ण सलाह दी है जो घर के मुख्य द्वार से संबंधित है। उनके अनुसार, घर के मुख्य द्वार के सामने कुछ विशेष चीजें नहीं होनी चाहिए, जो घर के वास्तु और उसमें रहने वालों के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। इस बारे में प्रमुख वास्तु सलाहकार घर का मुख्य द्वार घर की ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है। इसलिए इसके सामने कुछ चीजों से बचना चाहिए।
1. उदासीनता और अव्यवस्था: घर के मेन गेट के सामने अगर अव्यवस्था या कचरा हो, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इससे घर में खुशहाली की बजाय अशांति और तनाव बढ़ सकता है।
2. पानी का स्रोत: घर के मेन गेट के सामने यदि कुआं, जलाशय, या नाली जैसी चीजें हों, तो यह भी वास्तु के अनुसार नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। इससे पानी की कमी या अनवांछित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
3. बाहर की ओर झुकते पेड़-पौधे: यदि गेट के सामने बड़े और झुकते हुए पेड़-पौधे हों, तो वे सकारात्मक ऊर्जा को रोक सकते हैं। यह घर में सुकून और शांति को प्रभावित कर सकता है।
4. असामान्य संरचनाएं*: यदि गेट के सामने असामान्य और अजीब संरचनाएं जैसे टूटी-फूटी दीवारें या ढहती इमारतें हों, तो यह घर के सौभाग्य और समृद्धि को बाधित कर सकता है।
5. शहरी अवसंरचना: अगर गेट के सामने बड़े-बड़े ट्रैफिक जाम, शोरगुल या अत्यधिक वाणिज्यिक गतिविधियाँ हों, तो यह भी घर की शांति को प्रभावित कर सकता है। यह ऊर्जा की सकारात्मकता को अवरुद्ध कर सकता है।
6. मृत जानवर या पक्षी: अगर गेट के सामने कोई मृत जानवर या पक्षी है तो उसको तुरंत हटा दैं। इनसे जीवन में दुर्भाग्य की संभावना बढ़ सकती है।
जानकारी के मुताबिक घर के मेन गेट के सामने सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए स्वच्छता, हवादारी, और सुगम संरचनाओं का ध्यान रखना आवश्यक है। इससे न केवल घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है बल्कि परिवार के सदस्यों की खुशहाली और मानसिक शांति भी बनी रहती है। कई आधुनिक वास्तुकारों का मानना है कि वास्तु सिद्धांतों को आधुनिक जीवनशैली के साथ संतुलित करना महत्वपूर्ण है। मुख्य द्वार के सामने एक खुला और साफ स्थान होना चाहिए। यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ावा देता है। वास्तु के मूल सिद्धांतों को समझना और उन्हें व्यावहारिक रूप से जीवन में लागू करना महत्वपूर्ण है।
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