वसंत पंचमी : नौकरी, बिजनेस या हो शिक्षा जानें कैसे मिलेगी सफलता, बस इस तरह करें सरस्वती यंत्र की स्थापना

नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. ये त्योहार मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है. बता दें कि इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था, और मान्यता है कि वसंत पंचमी […]

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वसंत पंचमी : नौकरी, बिजनेस या हो शिक्षा जानें कैसे मिलेगी सफलता, बस इस तरह करें सरस्वती यंत्र की स्थापना

Shiwani Mishra

  • February 11, 2024 9:17 am Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. ये त्योहार मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है. बता दें कि इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था, और मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती सफेद कमल के फूल पर बैठकर हाथों में पुस्तक, विणा और माला लिए प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. दरअसल वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि शिक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो सरस्वती यंत्र की स्थापना करना बहुत उत्तम माना जाता है. साथ ही कहते हैं कि इसकी साधना करने से मां सरस्वती की खास कृपा होती है. तो आइए जानते हैं कि सरस्वती यंत्र क्या है और इसे किस दिशा में स्थापित करना मंगलकारी और शुभ होता है……

जानें क्या है सरस्वती यंत्र

सरस्वती यंत्र व्यक्ति के अंदर बौद्धिक शक्ति, एकाग्रता और ज्ञान भावना को उत्पन करता है. साथ ही देवी सरस्वती को खुश करने के लिए इस यंत्र की उपासना करनी चाहिए, और अगर आपका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है, तो आपकी याददाश्त बहुत कमजोर है या फिर एकाग्रता की कमी है, तो इस यंत्र को धारण करने की सलाह दी जाती है. बता दें कि इस यंत्र के प्रभाव से परीक्षा में बहुत अच्छे अंक की प्राप्ति भी हो सकती है. इसके साथ ही सरस्वती यंत्र को घर में स्थापित करने से कार्यक्षेत्र और कारोबार में भी बहुत सफलता मिल सकती है.

सरस्वती यंत्र स्थापना की विधि

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Basant Panchami 2023

1. वसंत पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मां सरस्वती का मन से ध्यान करें.
2. स्नान और ध्यान करने के बाद सरस्वती यंत्र के सामने दीप और धूप जरूर प्रज्जवलित करें.
3. इसके बाद श्री सरस्वती यंत्र को गंगाजल और कच्चे दूध से मिलकर अभिषेक करें.
4. अब 11, 21 और 51 बार श्री गायत्री मंत्र ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्, ‘ मंत्र का जाप करें.
5 . और इस यंत्र को उत्तर और पूर्व दिशा में स्थापित करें.
6. रोजाना स्नान के बाद नियमित रूप से यंत्र को धोकर पूजा करनी है, फिर इसका प्रभाव कम ना हो.

जानें सरस्वती यंत्र के लाभ

1. इस यंत्र को स्थापित करने से बौद्धिक और रचनात्मक विकास भी हो सकता है.
2. बता दें कि आपके जीवन में किसी भी तरह की परेशानियां आ रही हैं, तो सरस्वती यंत्र की स्थापना जरूर करनी चाहिए.
3. जिस भी छात्र को मन पढाई में कम लगता है, उसका ध्यान बढ़ाने के लिए इसे प्रयोग में लाया जा सकता है.
4. कुंडली में शामिल वो सभी दोष जो व्यक्ति को सफल होने से रोक रहें हैं, उन सभी को दूर करने में ये सरस्वती यंत्र अत्यधिक लाभकारी होता है .

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