सरस्वती पूजा: वसंत पंचमी के दिन विद्यार्थी जरूर करें ये काम, प्रसन्न होंगी ज्ञान और बुद्धि की देवी

नई दिल्ली: पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. ये त्योहार मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है. बता दें कि इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था, और मान्यता है कि वसंत पंचमी […]

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सरस्वती पूजा: वसंत पंचमी के दिन विद्यार्थी जरूर करें ये काम, प्रसन्न होंगी ज्ञान और बुद्धि की देवी

Shiwani Mishra

  • February 5, 2024 9:51 am Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली: पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. ये त्योहार मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है. बता दें कि इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था, और मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती सफेद कमल के फूल पर बैठकर हाथों में पुस्तक, विणा और माला लिए प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है.बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को जरूर लगाएं इन 5 चीजों का भोग, मिलेगा  मनचाहा वरदान | What bhog to offer goddess saraswati on basant panchami 2024  par kya bhog lgaye | TV9 Bharatvarsh

साथ ही वसंत पंचमी वसंत ऋतु की शुरुआत का भी प्रतीक है, और शास्त्रों के अनुसार वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा से देवी लक्ष्मी और मां काली भी प्रसन्न होती हैं. तो आइए जानते हैं की यदि कोई छात्र पढ़ाई में कमजोर है या फिर उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो वसंत पंचमी के दिन क्या करना चाहिए और इन उपायों के बारे में…

पढ़ाई में मन नहीं लगता तो कीजिये ये उपाय

बता दें कि जिन छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगता उन्हें वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को केसर और पीले चंदन का तिलक लगाएं. दरअसल इस दिन पीले रंग के कपड़े जरूर पहनें, और मां सरस्वती की पूजा करें. साथ ही पूजा स्थल पर किताब और कलम जरूर रखें, ताकि इससे आपके ऊपर मां सरस्वती की कृपा हमेशा बनी रहेगी, और ज्ञान, बुद्धि एवं विवेक का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा. हालांकि अगर आपका बच्चा पढ़ाई से जी चुराता है तो वसंत पंचमी के दिन बच्चे के हाथ से मां सरस्वती को पीले रंग के फल और फूल जरूर अर्पित करवाएं, और इसके साथ ही मां सरस्वती का एक चित्र बच्चे के स्टडी टेबल के पास अवश्य रखे.

वास्तु पर जरूर ध्यान दें

शिक्षा में सफलता के लिए कड़ी मेहनत के साथ अध्ययन कक्ष का सही दिशा में होना बहुत जरुरी है, और कई बार वास्तु दोष के वजह से भी छात्रों को शिक्षा में अच्छे परिणाम नहीं मिल पाते है, इसलिए आपका बच्चा कहां और कैसे पढ़ रहा है, और पढ़ते समय किस दिशा में उसका चेहरा है, इस बात पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी होता है. दरअसल वास्तु विशेषज्ञों की मानें तो पूर्व, उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा ध्यान और शांति की दिशा मानी जाती है, और सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव भी इसी दिशा में सबसे ज्यादा होता है, इसीलिए ऐसे में ध्यान रहे कि अध्ययन कक्ष इन्हीं दिशाओं में हो. बता दें कि पढ़ाई करते समय बच्चे का चेहरा पूर्व और उत्तर दिशा की ओर रहे है.

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