नई दिल्ली. नवरात्र हिन्दुओं का विशेष पर्व है, इस पावन अवसर पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है. इसलिए यह पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है, वेद-पुराणों में मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है जो पाप का नाश करती हैं, नवरात्र के समय मां के भक्त उनसे […]
नई दिल्ली. नवरात्र हिन्दुओं का विशेष पर्व है, इस पावन अवसर पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है. इसलिए यह पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है, वेद-पुराणों में मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है जो पाप का नाश करती हैं, नवरात्र के समय मां के भक्त उनसे अपने सुखी जीवन और समृद्धि की कामना करते हैं. नवरात्र एक साल में चार बार मनाई जाती है, नवरात्रि में कई जगहों पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है.
नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है. मान्यता है कि देवी स्कंदमाता अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं. मां दुर्गा के पंचम स्वरूप देवी स्कंदमाता की उपासना से भक्त की उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं और जीवन में सुख-शान्ति आती है. इतना ही नहीं, संतान प्राप्ति के लिए स्कंदमाता की आराधना भी की जाती है, वहीं ये भी कहा जाता है कि देवी स्कंदमाता की पूजा से भक्त को मोक्ष मिलता है.
माँ स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 4:37 बजे से 05:25 तक रहेगा, वहीं अभिजित मुहूर्त- 11:47 से 12:35 बजे तक रहेगा.
नवरात्रि के पांचवे दिन सबसे पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें, इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थान में चौकी पर स्कंदमाता की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें, फिर गंगाजल से शुद्धिकरण करें फिर एक कलश में पानी लेकर उसमें कुछ सिक्के डालें और उसे माता की चौकी पर रख दें. अब देवी को रोली-कुमकुम, पुष्प आदि अर्पित करें. फिर माँ की आरती करें और भोग चढ़ाएं. देशभर में नवरात्रि का पर्व बहुत ही धूम-धाम से मनाई जाती है.
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