November 3, 2017 8:10 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है. इस दिन गंगा स्नान भी होता है. ये पर्व दिवाली के 15 दिन बाद मनाया जाता है. शरद पूर्णिमा से कार्तिक मास शुरू होता है और कार्तिक मास की पूर्णिमा को ये पवित्र मास खत्म होता है. पूरे मास सूर्योदय से पहले स्नान व दान का विशेष महत्व होता है. इस बार 4 नवंबर को देव दीपावली है. वैसे तो ये त्योहार कई राज्यों में मनाया जाता है लेकिन इस उत्सव का सबसे ज्यादा महत्व और आनंद उत्तर प्रदेश के शहर वाराणसी यानि बनारस में आता है. कहा जाता है. इस महादेव भोले नाथ ने सभी देवताओं को भयानक राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. तभी सभी देवताओं ने भोलेनाथ को धन्यवाद दिया और खूब धूमधाम से देव दीपावली के रूप में मनाया.
इस बार चौमासी चौदस और कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा पर देव दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा है. ये तिथि 4 नवंबर को है. इस पर्व को लेकर मान्याता है कि इस दिन सभी देवता गण पृथ्वी पर आते हैं. इस वजह से इस महीने को सबसे पवित्र मास कहा जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने अहंकारी व भयानक राक्षस त्रिपुरासुर को नष्ट कर दिया था. तब से इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इस पर्व को सबसे ज्यादा वाराणसी में धूमधाम से मनाया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वाराणसी के गिलहराज मंदिर को 35 हजार और सीताराम और आरती घाट पर 2100 दीपों से सजाया जाएगा. इस दिन देसी घी और तिल के तेल से दीप जलाना शुभ होती है.