नई दिल्ली. छठ पूजा पर छठी मैया और भगवान सूर्य की अराधना की जाती है. चार दिवसीय छठ पूजा उत्सव में नहाय खाय, खरना, सांझ का अर्घ्य और भोर अर्घ्य का विशेष महत्व होता है. 36 घंटे के निर्जलाव्रत में व्रती अपनी मन्नत के अनुसार नदी या तालाब में खड़े होकर सूर्य भगवान की अराधना की जाती है. कहा जाता है कि अगर छठ पूजा पर अगर सूर्य भगवान खुश हो जाएं तो उनकी कृपा से सारी मन्नतें पूरी हो जाती हैं. इसीलिए हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं कि किन मंत्रों का जाप कर आप अपनी पूजा को सफल बना सकते हैं.
बता दें छठ पूजा का गुरुवार को पहला अर्घ्य है. इस दिन महिलाएं नदी या तालाब में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देती हैं. वैसे तो छठ पूजा साल में दो बार मनाई जाती है. एक छठ चैत्र में तो दूसरी कार्तिक माह में मनाई जाती है. छठ पूजा आखिर क्यों मनाई जाती है इसे लेकर कई कथाएं समाज में प्रचलित है. जैसे मान्यता है कि देवासुर लड़ाई में जब देवता हार गए तो देव माता अदिति ने पुत्र प्राप्ति के लिए देव के जंगलों में मैया छठी की पूजा अर्चना की थी. इस पूजा से खुश होकर छठी मैया ने आदित्य को पुत्र को पुत्र दिया और उसके बाद छठी मैया की देन इस पुत्र ने सभी देवतागण को जीत दिलाई. तभी से मान्यता चली आ रही कि छठ मैया की पूजा-अर्चना करने से सभी दुखों का निवारण होता है.
छठ पूजा पर इन सूर्य मंत्र का करें जाप
-ऊं मित्राय नम:
-ऊं रवये नम:
-ऊं सूर्याय नम:
-ऊं भानवे नम:
-ऊं पुष्णे नम:
-ऊं मारिचाये नम:
-ऊं आदित्याय नम:
-ऊं भाष्कराय नम:
-ऊं आर्काय नम:
-ऊं खगये नम:
छठ पूजा पर सूर्य मंत्र जपने से ऐसे मिलेगा लाभ
कहा जाता है कि सूर्य देव की पूजा करने से हर व्यक्ति अपनी मुसीबतें पर काबू पर लेता है. सूर्य देव के मंत्र के जाप से इंसान बुद्धिमान और विद्वान बनाते हैं. सूर्य मंत्रों के जाप से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
ऐसे करें छठ पूजा पर पहला अर्घ्य
छठ पूजा का आज पहला अर्घ्य है. आज आप प्रसाद और पूजा की थाली के साथ तांबे का लौटा लेकर जाएं. इस तांबे के लौटे में जल भर कर, सुपारी, सिंदूर, कुमकुम और पूजा के शुद्ध फूल डालें. और फिर अर्घ्य देते समय बताएं गए सूर्य मंत्र का जाप करते जाएं.