महापर्व छठ पूजा 2017: कद्दू समेत ये हैं वो सब्जियां जिनका छठ पूजा में है विशेष महत्व

नई दिल्ली:  दिवाली की धूम खत्म होते ही महापर्व छठ पूजा 2017 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. दिवाली के 6 दिन बाद छठ पूजा मनाई जाती है. हालांकि, इसकी शुरुआत तो दिवाली के तीन दिन बाद ही शुरू हो जााती है. छठ व्रत की शुरुआत नहाय खाय से शुरू होती है और सुबह के अर्ध्य के साथ समाप्त होती है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की तैयारियां भी काफी पहले से शुरू हो जाती है. छठ के पकवानों के अलावा इस पर्व में इस्तेमाल होने वाले फल और सब्जियों का भी विशेष महत्व है. छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं जिन्हें परवैतिन कहा जाता है वो नहाय खाय से इस व्रत की शुरूआत करती हैं. इस दौरान नहाने के बाद भात यानी चावल के साथ चने की दाल और लौकी की सब्जी खाएंगी. यहां से व्रत की औपचारिक शुरूआत हो जाती है. नियम है कि व्रतधारी के भोजन करने के बाद ही परिवार के बाकी लोग भोजन ग्रहण करेंगे. दूसरे दिन खरना होता है. खरना के दिन व्रतधारी दिन भर व्रत करके शाम को भोजन ग्रहण करते हैं. खरना के प्रसाद के रूप में गन्ने के रस से बने हुए चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी लगी हुई रोटी प्रसाद के रूप में बांटी जाती है. इस दौरान नमक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है साफ सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है.
तीसरा दिन संध्या अर्ध्य का दिन होता है. इस दिन छठ का प्रसाद तैयार किया जाता है. छठ के प्रसाद के रूप में ठेकुआ और चावल के लड्डू यानी लडुआ बनाया जाता है. इसके अलावा लाया गया सांचा और फल शामिल किया जाता है. छठ के लिए जो डलिया सजाई जाती है उसमें 6, 12 और 24 की संख्या में फल और सब्जियां रखी जाती हैं. सुपली या डलिया में संतरा, अमरूद, शरीफा, नारियल, अनानास, गन्ना, सुथनी, केला, साठी के चावल का चिउड़ा और ठेकुआ रखा जाता है. दौरी या टोकरी में केले का घौद यानी कांधी व ठेकुआ सजाकर सूप को सजाया जाता है. शाम को पूरी तैयारी कर बांस की टोकरी में अर्ध्य का सूप सजाया जाता है और व्रती के साथ उसके परिवार के लोग और पड़ोसी अस्तचलागामी सूर्य को अर्ध्य देने के लिए घाट पर जाते हैं. सभी व्रतधारी घाट पर जल में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देते हैं. इस दौरान घाट पर मेले जैसा दृश्य होता है.
सूर्य ढ़लने के बाद व्रतधारी डाला लेकर घर चले आते हैं और फिर अगली सुबह सूर्योदय से पहले प्रसाद की सभी टोकरियों को लेकर फिर एक बार घाट पर जाया जाता है और फिर से व्रती जल में खड़े होकर भगवान सूर्य की उपासना करते हैं और सूर्योदय के बाद कच्चे दूध से अर्ध्य देते हैं. इसके बाद व्रतधारी कच्चे दूध का शरबत पीकर या प्रसाद खाकर व्रत पूरा करते हैं.
छठ पूजा 2017 कैलेंडर
पहला दिन नहाय खाय पूजा मुहूर्त और तारीख- 24 अक्टूबर 2017, सुबह 7 बजे से दोपहर  2.30 बजे तक
दूसरा दिन खरना लोहंडा मुहूर्त और तारीख- 25 अक्टूबर 2017, सूर्योदय 6.28 मिनट, सूर्य अस्त- 5.42 मिनट
तीसरा दिन सांझ या शाम का अर्घ्य मुहूर्त और तारीख- 26 अक्टूबर 2017, सूर्योदय 6.29 मिनट, सूर्य अस्त- 5.41 मिनट
चौथा दिन भोर या ऊषा, सुबह का अर्घ्य मुहूर्त और तारीख- 27 अक्टूबर 2017, सूर्योदय 6.29 मिनट, सूर्य अस्त- 5.40 मिनट
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