धनतेरस 2017: साल में एक दिन होते हैं अन्नपूर्णेश्वरी माता के दर्शन, बांटा जाएगा खजाना
धनतेरस 2017: साल में एक दिन होते हैं अन्नपूर्णेश्वरी माता के दर्शन, बांटा जाएगा खजाना
भोले बाबा की नगरी काशी में 5 दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत आज धनतेरस के दिन मां अन्नपूर्णेश्वरी के दर्शन से होगी. मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा काशी विश्वनाथ मंदिर के पास अन्नपूर्णा मंदिर में स्थित है. पौराणिक कथाओं में भी इसका जिक्र है कि काशी पुराधिपति महादेव को भी अन्नपूर्णेश्वरी माता ने अन्नदान किया था.
October 17, 2017 1:56 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
बनारसः भोले बाबा की नगरी काशी में 5 दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत आज धनतेरस के दिन मां अन्नपूर्णेश्वरी के दर्शन से होगी. मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा काशी विश्वनाथ मंदिर के पास अन्नपूर्णा मंदिर में स्थित है. पौराणिक कथाओं में भी इसका जिक्र है कि काशी पुराधिपति महादेव को भी अन्नपूर्णेश्वरी माता ने अन्नदान किया था. माता के दर्शन के साथ ही भक्तों को प्रसाद के रूप में खजाना बांटा जाएगा. अन्नपूर्णेश्वरी माता के दर्शन के लिए श्रद्धालु देश-विदेश से यहां आते हैं.
बता दें कि धनतेरस के दिन साल में सिर्फ एक बार यह मंदिर खोला जाता है. 17 अक्टूबर को पूजन और भव्य आरती के बाद मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे. सोमवार रात से ही माता के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लग चुकी हैं. श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. 1 किलोमीटर लंबी बैरेकेडिंग की गई है. भोग आरती के लिए दोपहर करीब 12 बजे तक मंदिर बंद रहेगा. उसके बाद रात 11 बजे तक भक्त माता के दर्शन कर सकेंगे.
मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी महाराज ने बताया कि बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए मां के दर्शनों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. इसके लिए सहायकों की तैनाती की गई है, जो उन्हें छोटे रास्ते से दर्शन कराने के बाद बाहर तक पहुंचाएंगे. वीआईपी के लिए धनतेरस के दिन शाम 5 से 7 बजे का समय निर्धारित किया गया है. शीतलाघाट स्थित माता शीतला मंदिर में भी अन्न धन का प्रसाद बांटा जाएगा. गौरतलब है, तकरीबन 500 साल पुराने स्वर्णमयी अन्नपूर्णा दरबार में भोलेनाथ स्वयं याचक की भूमिका में खड़े दिखते हैं.
मां अन्नपूर्णा के दाहिने ओर मां लक्ष्मी और बाएं भाग में भूदेवी का स्वर्ण विग्रह है. मंदिर में मां की ममतामय छवि सहेजे अन्नदात्री की ठोस स्वर्ण प्रतिमा कमलासन पर विराजमान है.