नई दिल्ली. दिवाली के एक दिन पहले यानि आज नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जा रहा है. इस त्योहार को छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. इस साल दिवाली 19 अक्टूबर की है और 18 अक्टूबर 2017 को छोटी दिवाली यानि नरक चतुर्दशी 2017 है. इस दिन भी दिवाली की तरह पूजा-पाठ, दीएं जलाए जाते हैं. लेकिन दोनों दिन पूजा में ये फर्क होता है कि दिवाली पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. लेकिन नरक चतुर्दशी के मौके पर मृत्यु के देव यमराज की पूजा की जाती है. नरक चतुर्दशी को नरक चौद, रूप चौदस, रूप चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं.
नरक चतुर्दशी का महत्व
नरक चतुर्दशी को मुक्ति पाने वाला पर्व कहा जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था. इसीलिए चतुर्दशी का नाम नरक चतुर्दशी के नाम पर पड़ा. इस दिन पूजा करने से नरक निवारण का आशीर्वाद मिलता है. इसीलिए लोग अपने घर में यमराज की पूजा कर अपने परिवार वालों के लिए नरक निवारण की प्रार्थना करते हैं.
नरक चतुर्दशी पूजा विधि
नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले उठने का महत्व होता है. इस दिन तेल से नहाया जाता है. नहाने के पश्चात सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए. इसके बाद भगवान कृष्ण की अराधना की जाती है. पूजा के समय फल-फूल धूप जलाकर अर्चना करें. और शाम को घर की दहलीज पर 5 या 7 दीप जलाएं.
नरक चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त
पूजा से पहले स्नान का शुभ मुहूर्त- सुबह 4.47 से 06.27 तक
पूजा करने की अवधि- 1 घंटा 40 मिनट