धनतेरस 2017: इस दिन खरीदेंगे ये धातु तो पाएंगे 13 गुना ज्यादा फल, खुल जाएंगे बंद किस्मत के दरवाजे

दिवाली 2017 की शुरूआत हो चुकी है. पांच दिवसीय इस त्योहार की शुरूआत आज से यानी धनतेरस के दिन से शुरू हो जाती है. दूसरे दिन नरकचौदस, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवें और आखिरी दिन भाईदूज मनाया जाता है.

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धनतेरस 2017: इस दिन खरीदेंगे ये धातु तो पाएंगे 13 गुना ज्यादा फल, खुल जाएंगे बंद किस्मत के दरवाजे

Admin

  • October 15, 2017 4:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्लीः दिवाली 2017 की शुरूआत हो चुकी है. पांच दिवसीय इस त्योहार की शुरूआत आज से यानी धनतेरस के दिन से शुरू हो जाती है. दूसरे दिन नरकचौदस, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवें और आखिरी दिन भाईदूज मनाया जाता है. इस साल 17 अक्टूबर यानी मंगलवार के दिन धनतेरस मनाया जाएगा. धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है. इस दिन आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाता है. इस दिन को भगवान धन्वंतरि का जन्मदिवस भी माना जाता है.
 
प्राचीन समय से चली आ रही मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान शरद पूर्णिमा के बाद आने वाली त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि का प्रादुर्भाव हुआ था. धन और आरोग्य का वरदान देने वाले त्योहार धनत्रयोदशी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है. इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें दो भुजाओं पर वह शंख और चक्र धारण किए हुए हैं. अन्य दो भुजाओं में औषधि के साथ वह अमृत कलश रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह कलश पीतल का बना हुआ है, क्योंकि पीतल भगवान धन्वंतरि की प्रिय धातु है.
 
यही कारण है कि धनतेरस के दिन ज्यादातर लोग पीतल के बर्तन आदि खरीदते हैं. एक सच यह भी है कि धनतेरस के दिन पीतल खरीदने से तेरह गुना अधिक लाभ मिलता है. अन्य धातु जैसे, सोना-चांदी, तांबा, स्टील, एल्युमिनियम, प्लैटिनम आदि की भी इस दिन खूब खरीददारी होती है. धनतेरस को लेकर मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ फल प्रदान करती है और काफी समय तक चलती है.
 
उत्तर भारत में इसी मान्यता के चलते धनतेरस के दिन गाड़ियों की भी खूब बिक्री होती है. धनतेरस के लिए लोग विशेष रूप से एडवांस में वाहन बुक कराते हैं. वाहन कंपनियां भी अपने ग्राहकों को काफी डिस्काउंट देती हैं. इस दिन ज्वैलरी की दुकानों पर भी सुबह से लेकर रात तक लोगों की भीड़ बनी रहती है. कई जगहों पर कहा जाता है कि इस एक दिन का कारोबार पूरे साल भर के कारोबार पर भारी रहता है.
 
 

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