दिवाली 2017: ये है मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की विधि, इसी अनुसार करें पूजन

नई दिल्ली: दिवाली आने वाली है और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. हर घर में मां लक्ष्मी की प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है लेकिन लक्ष्मी पूजा का फल तभी मिलता है जब पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाए. आज हम आपको लक्ष्मी पूजा की विधि बताने जा रहे हैं. इस पूजा को इसी अनुसार करने से आपको धन-धान्य की प्राप्ति होगी.
लक्ष्मी पूजा  सामाग्री
मां लक्ष्मी की पूजा शुरू करने से पहले थाली में कलावा, अक्षत, लाल वस्त्र, फूल, पांच सुपारी,  रोली, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र, फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश के लिए आम का पल्लव, चौकी, समिधा, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे,  हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी , अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन पूजन सामग्री ध्यान से रख लें.
लक्ष्मी पूजा शुरू करने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
मां लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करने से पहले चौकी को धोकर रंगोली बना लें और फिर चौकी के चारों तरफ दीपक जलाएं. मां की मूर्ति को जहां भी स्थापित करने जा रहे हैं वहां थोड़े से चावल भी जरूर डालें.  मां को प्रसन्‍न करने के लिए उनके बाईं ओर भगवान विष्‍णु की मूर्ति को स्‍थापित करें. पुष्प, फल, सुपारी, पान, चांदी का सिक्का, नारियल (पानी वाला), मिठाई, मेवा, आदि सभी सामग्री थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर दीपावली पूजन के लिए संकल्प लें. पूजा वाले स्थान को पूरी तरह से साफ करे ले, अगर गंगा जल है तो पूजा वाले स्थान पर छिड़क दें.
लक्ष्मी पूजन की विधि
सबसे पहले लक्ष्मी पूजा के लिए मां लक्ष्मी की नई प्रतिमा लेकर आएं. इसके बाद मां लक्ष्मी के ध्यान से पूजा की शुरूआत होनी चाहिए. ध्यान से पहले मां लक्ष्मी की मूर्ति को पूजा घर में स्थापित कर लें और फिर इस मंत्र का जाप करें.
या सा पद्मासनस्था विपुल-कटि-तटी पद्म-पत्रायताक्षी, गम्भीरार्तव-नाभि: स्तन-भर-नमिता शुभ्र-वस्त्रोत्तरीया|
या लक्ष्मीदिव्य-रूपैर्मणि-गण खचितै: स्वापिता हेम-कुम्भै:,
सा नित्यं पद्म-हस्ता मम वसतु गृहे सर्व-मांगल्य-युक्ता!
ध्यान के बाद आवाहन
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ध्यान के बाद उनका आवाहन करना है. इसके लिए इस मंत्र का जाप करना है.
आगच्छ देव-देवेशि! तेजोमयि-मह-लक्ष्मि! क्रियामाणां मया पूजां, गृहाण सुर-वन्दिते!
!!श्रीलक्ष्मी-देवीं आवाहयामि!!
पुष्पांजलि आसन
ध्यान और आहवान के बाद मां लक्ष्मी को पुष्प अर्पित करें. इसके लिए मंत्र है
नाना-रत्न-समायुक्तं, कार्त-स्वर-विभूषितम्, आसनं देव-देवेश! प्रीत्यर्थ प्रति-गृह्ताम्!
!! श्री लक्ष्मी-दिव्यै आसनार्थे पश्य-पुष्पाणि समर्पयामि!
स्वागत मंत्र
मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए स्वागत मंत्र पढ़ें
श्रीलक्ष्मी-देवि! स्वागतम्|
पाद्य के लिए मंत्र
स्वागत मंत्र के बाद पाद्य मंत्र जपें.
पाद्यं गृहाण देवेशि, सर्वे-क्षेम-समर्थे, भो:!
भक्त्या समर्पितं देवि, महा-लक्ष्मि! नमोस्तुते.
||श्रीलक्ष्मी-देव्यै पाद्ध नम:||
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