छठ पूजा 2017: सांझ का अर्घ्य 26 अक्टूबर को, पूजा विधि और महत्व
छठ पूजा 2017: सांझ का अर्घ्य 26 अक्टूबर को, पूजा विधि और महत्व
दिवाली के छह दिन बाद छठ का त्योहार मनाया जाता है. छठ को महापर्व छठ कहा जाता है. छठ पूजा का पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है. इस बार ये पर्व 24 तारीख से शुरू होकर 27 अक्टूबर को संपन्न होगा. बता दें इस बार 24 तारीख को नहाय खाय 25 तारीख को खरना 26 तारीख को सांझ का अर्ध्य और 27 तारीख को भोर का सांझ अर्घ्य है. खास तौर पर तो छठ पूजा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में की जाती है.
October 13, 2017 3:20 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. छठ को महापर्व छठ कहा जाता है. ये त्योहार मन्नतों का त्योहार कहलाता है. छठ पूजा का पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है. इस बार ये पर्व 24 तारीख से शुरू होकर 27 अक्टूबर को संपन्न होगा. बता दें इस बार 24 तारीख को नहाय खाय 25 तारीख को खरना 26 तारीख को सांझ का अर्ध्य और 27 तारीख को भोर का सांझ अर्घ्य है. खास तौर पर तो छठ पूजा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में की जाती है. लेकिन इस पूजा के महत्व को देखते हुए अन्य राज्य के लोग भी इस पूजा को करते हैं. छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है. इसके बाद खरना होता है. छठ पूजा के तीसरे दिन सांझ का अर्घ्य होता है. इसके बाद भोर का अर्घ्य के बाद ये व्रत संपन्न होता है.
छठ पूजा 2017 सांझ के अर्घ्य का महत्व
छठ पूजा 2017 में इस बार सांझ का अर्घ्य 26 अक्टूबर को है. छठ पूजा में सांझ का अर्घ्य का विशेष महत्व होता है. इस व्रती व्यक्ति द्वारा पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. ये त्योहार कई मायनों में खास होता है. ये एक ऐसा पर्व है जिसमें उगते और डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है. हिंदू परंपरा के अनुसार कहा जाता है कि सूर्य देव की दो पत्निया थीं ऊषा और प्रत्युषा. ये दोनों को सुबह की किरणों और शाम की किरणों से वर्णित किया जाता है. सुबह की किरणों को भोर और शाम की किरणों को सांझ कहा जाता है.
इस दौरान परिवार के सदस्य पूरी साफ-सफाई के साथ प्रसाद बनाने में मदद करते हैं. इस दौरान छठी मैया के गीत गाए जाते हैं. इस दिन पारंपरिक व्यंजन बनाएं जाते हैं. छठ के प्रसाद में ठेकुआ, भुसवा केला, पानी वाला नारियल, गन्ना, डाब नींबू, चावल के लड्डू (लड़ुआ), लाय का सांचा और फल आदि मुख्य तौर पर शामिल किए जाते हैं. इस दौरान साफ सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है. शाम के वक्त बांस की टोकरी में अर्ध्य का सूप सजाकर व्रती अपने परिवार और सगे संबंधियों समेत सूर्य को अर्ध्य देने घाट पर जाते हैं. इस दौरान व्रती जल में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को जल और दूध का अर्ध्य देते हैं. इस दिन भी व्रती कुछ नहीं खाते हैं.
छठ पूजा 2017 कैलेंडर
पहला दिन नहाय खाय पूजा मुहूर्त और तारीख- 24 अक्टूबर 2017, सुबह 7 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक
दूसरा दिन खरना लोहंडा मुहूर्त और तारीख- 25 अक्टूबर 2017, सूर्योदय 6.28 मिनट, सूर्य अस्त- 5.42 मिनट
तीसरा दिन सांझ या शाम का अर्घ्य मुहूर्त और तारीख- 26 अक्टूबर 2017, सूर्योदय 6.29 मिनट, सूर्य अस्त- 5.41 मिनट
चौथा दिन भोर या ऊषा, सुबह का अर्घ्य मुहूर्त और तारीख- 27 अक्टूबर 2017, सूर्योदय 6.29 मिनट, सूर्य अस्त- 5.40 मिनट