नई दिल्ली : सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता के लिए होता है जिस दिन उनके भक्त व्रत आदि रख उनकी आराधना करते हैं, शुक्रवार के दिन मां संतोषी के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. आज हम आपको मां संतोषी की व्रत विधि के बारे में जानकारी देंगे. सुख-सौभाग्य की कामना से माता संतोषी के 16 शुक्रवार तक व्रत किए जाने का विधान है.अगर आपने मां संतोषी का व्रत रखा है तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी भी खट्टी चीज को न तो खाएं और न ही उसका स्पर्श करें. आज के दिन अपनी परिवार के किसी भी सदस्य को किसी खट्टी चीज का सेवन न करें.
व्रत विधि
अगर आप भी शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत रखते हैं तो सूर्य उदय से पूर्व उठकर घर की साफ-सफाई कर लें, काम खत्म करने के बाद स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहन लें. घर के मंदिर में मां संतोषी का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें. मां की प्रतिमा को स्थापित करने के बाद जल से भरा बर्तन लें और उस पर एक कटोरी रखकर उसमें गुड़ और चना रखें. इसके बाद मां संतोषी की कथा पढ़ना शुरू करें. आरती करने के बाद गुड़-चने का प्रसाद घर के सभी सदस्यों में बांट दें. जल का बर्तन जो पूजा से पहले स्थापित किया गया था उसके जल का छिड़काव पूरे घर में करें जो जल बच जाए उसे किसी पौधे में डाल दें.
ऐसा कहा जाता है कि 16 शुक्रवार अगर विधि-विधान के साथ मां संतोषी का व्रत रखा जाए तो व्रत का शुभ फल प्राप्त होता है. 16 वें शुक्रवार को व्रत का उद्दापन अवश्य करें, इस दिन विधि के अनुसार संतोषी मां का पूजन करने के बाद 8 बालिकाओं को खीर-पूरी का भोजन कराएं और इच्छानुसार उन्हें दक्षिणा और केले का प्रसाद देने के बाद ही खुद खाएं.