कार्तिक माह 2017 : इस वजह से की जाती है कार्तिक स्नान के दौरान तुलसी की पूजा

कार्तिक माह में भगवान विष्णु की विधि-विधान पूर्वक पूजा की जाती है. आश्विन मास के समापन के बाद 'मासोत्तम मासे, कार्तिक मासे' का शुभारंभ हो चुका है. हिंदू धर्म में कार्तिक माह, कार्तिक व्रत, कार्तिक पूजा, कार्तिक स्नान का खास महत्व होता है. इस माह को हिंदू परंपरा के अनुसार बेहद पवित्र महीना भी माना जाता है.

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कार्तिक माह 2017 :  इस वजह से की जाती है कार्तिक स्नान के दौरान तुलसी की पूजा

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  • October 10, 2017 4:00 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. कार्तिक माह में भगवान विष्णु की विधि-विधान पूर्वक पूजा की जाती है. आश्विन मास के समापन के बाद ‘मासोत्तम मासे, कार्तिक मासे’ का शुभारंभ हो चुका है. हिंदू धर्म में कार्तिक माह, कार्तिक व्रत, कार्तिक पूजा, कार्तिक स्नान का खास महत्व होता है. इस माह को हिंदू परंपरा के अनुसार बेहद पवित्र महीना भी माना जाता है. बता दें ये महीना शरद पूर्णिमा से शुरू होता है और कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है. इस पूरे माह कार्तिक स्नान किया जाता है. यानि सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान का महत्व होता है. कार्तिक स्नान के अलावा  इस माह में तुलसी की पूजा और दीप दान का विशेष महत्व होता है. 
 
ये है तुलसी महत्व 
जैसा कि सब जानते हैं कि हिंदू परंपरा में तुलसी के पौधे की पूजा को रोज सुबह-शाम करना बेहद शुभ माना जाता है. खास कर इस माह में तुलसी पूजा का विशेष महत्व बढ़ जाता है. कहा जाता है कि तुलसी भगवान विष्णु को खूब प्रिय हैं. कहा जाता है कि तुलसी की पूजा कर हम अपनी बात भगवान विष्णु तक पहुंचायी जाती है. तुलसी की पूजा करने से दुख, रोग, परेशानी सभी तकलीफ से छुटकारा मिलता है.
 
तुलसी पूजा के दौरान इस मंत्र का करें उच्चराण
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
 
इस माह पूजा के दौरान भोग
शरद पूर्णिमा से ही कार्तिक माह की शुरुआत हो जाती है. इस दिन से पूरे माह पूजा-पाठ किया जाता है. शरद पूर्णिमा पर खीर का भोग लगाया जाता है. इस दिन से ही मंदिरों में कई प्रकार की झांकियां निकाली जाती है. इस पूरे माह मूंगफली, गजक, अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. अन्नकूट को विशेष रूप से इस त्योहार के लिए तैयार किया जाता है. 
 
कार्तिक माह में आने वाले बड़े त्योहार
5 अक्टूबर- शरद पूर्णिमा
8 अक्टूबर- करवा चौथ
12 अक्टूबर- अहोई अष्टमी
15 अक्टूबर- रमा एकादशी
16 अक्टूबर- गौवत्स द्वादश
17 अक्टूबर- धनतेरस
18 अक्टूबर- रूप चतुर्दशी
19 अक्टूबर- दिवाली
20 अक्टूबर- गोवर्धन पूजा
21 अक्टूबर- भाईदूज
25 अक्टूबर- सौभाग्य पंचमी
24,25,26 अक्टूबर- छठ
28 अक्टूबर- गोपाष्मी
29 अक्टूबर- आंवला नवमी
31 अक्टूबर- देव एकादशी
3 नंवबर- वैकुंठ चतुर्दशी
4 नंवबर- कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली 
 

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