धनतेरस 2017 : धनतेरस पर क्यों होती है यमराज की पूजा? ये है पौराणिक कथा

19 अक्टूबर 2017 को दिवाली से पहले 17 अक्टूबर को 2017 यानि आज धनतेरस पूजा है. धनतेरस के दिन नए बर्तन, सोना-चांदी खरीदना शुभ माना होता है. कहा जाता है कि हर त्योहार के पीछे कोई ना कोई कहानी या उस त्योहार का कोई ना कोई महत्व जरूर होता है. धनतेरस पूजा विधि बताएं उससे पहले आप ये जान लें कि धनतेरस पूजा के पीछे क्या कहानी है.

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धनतेरस 2017 : धनतेरस पर क्यों होती है यमराज की पूजा? ये है पौराणिक कथा

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  • October 9, 2017 6:34 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली:  19 अक्टूबर 2017 को दिवाली से पहले 17 अक्टूबर को 2017 यानि आज धनतेरस पूजा है. धनतेरस त्योहार के दिन नए बर्तन, सोना-चांदी खरीदना शुभ माना होता है. कहा जाता है कि हर त्योहार के पीछे कोई ना कोई कहानी या उस त्योहार का कोई ना कोई महत्व जरूर होता है. धनतेरस पूजा विधि बताएं उससे पहले आप ये जान लें कि धनतेरस पूजा के पीछे क्या कहानी है. धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रियोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए. भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार हैं जो अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं.
 
धनतेरस की कथा के मुताबिक राजा बलि से देवताओं को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था और उनसे भिक्षा की याचना की थी. असुरों के गुरु शुक्राचार्य को भगवान विष्णु की इस चाल का पता चल गया और उसने राजा बलि को वामन भेष में आए भगवान विष्णु को भिक्षा देने का संकल्प ना देने को कहा लेकिन राजा बलि ने ऐसा करने से मना कर दिया.
 
राजा बलि ने वामन को दान देने का संकल्प कर लिया और फिर वामन भेष में आए भगवान विष्णु ने एक पग में संपूर्ण धरती और दूसरे पग में संपूर्ण आकाश को नाप दिया. तीसरा पग फिर भी बच गया तो राजा बलि ने भगवान विष्णु से आग्रह किया कि वो अपना तीसरा पग उनके सिर पर रख दें ताकि उनका वचन पूरा हो सके. इस तरह भगवान विष्णु ने अपनी माया से राजा बलि को निर्धन कर दिया और देवताओं को फिर से उनका यश और वैभव वापिस लौटाया. इसी खुशी में धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. 
 
धनतेरस के दिन क्या करें?
धनतेरस के दिन किसी भी धातू का खरीदना शुभ होता है. सामर्थ्य के अनुसार धनतेरस के दिन लोग सोना-चांदी भी खरीदते हैं और जो लोग सोना-चांदी नहीं खरीदते, वो बर्तन खरीद सकते हैं.इस दिन धन और यश प्राप्ति के लिए धन कुबेर के लिए घर के पूजा घर में दीपक जलाना चाहिए और मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के मुख्य द्वार पर भी दीपक जलाना चाहिए.
 
धनतेरस शुभ मुहूर्त
धनतेरस वाले दिन शाम 7.19 बजे से 8.17 बजे तक का है. 
काल सुबह 7.33 तक दवा, खाद्यान्न  
शुभ  9.13 तक वाहन,मशीन,कपड़ा,शेयर,घरेलू सामान
चर  14.12 तक  गाड़ी, गतिमान वस्तु, गजट 
लाभ 15.51 तकलाभ कमाने वाली मशीन,औजार, कंप्यूटर,शेयर 
अमृत 17.31 तक जेवर, बर्तन, खिलौना, कपड़ा, स्टेशनरी 
काल 19.11 तक घरेलू सामान, खाद्यान्न, दवा
 

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