नई दिल्ली : आज दिवाली 2017 पर 27 साल बाद पर गुरु और चित्रा नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है. ऐसा कहा जा रहा है किा इस महासंयोग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. आप लोग शायद इस बात से अंजान होंगे कि नक्षत्र मेखला की गणना के अनुसार, अब ऐसा संयोग फिर 4 साल बाद 2021 में ही बनेगा. गौरतलब है कि 1990 में इसी तरह का संयोग बना था, इसके अलावा कई और भी संयोग हैं जिनमें पूजा करने पर लक्ष्मीजी आप पर प्रसन्न रहेंगी.
19 अक्टूबर को सुबह 7.25 बजे तक हस्त्र नक्षत्र रहेगा, इसके बाद चित्रा नक्षत्र लगने के साथ गुरु चित्रा योग शुरू हो जाएगा जो कि अगले 24 घंटे तक रहेगा. गौरतलब है कि 1990 में गुरुवार के दिन चित्रा नक्षत्र में जब दिवाली आई थी तब यह संयोग बना था. अधिकांश लोग दिवाली पर शाम के वक्त प्रदोषकाल में महालक्ष्मी की पूजा-आराधना करते हैं लेकिन इस साल दिवाली पर शाम 5.54 बजे से रात 8.26 बजे तक 2.20 घंटे का प्रदोषकाल रहेगा.
इस बार दिवाली के दिन एक और खास बात है और वो ये है कि दिवाली पर लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए 12 साल के बाद चतुर्ग्रही योग का संयोग भी बन रहा है, जोकि रात 8 बजे के बाद शुरू होगा. इसमें सूर्य,चंद्र, बुध और गुरु चारों ग्रह तुला राशि में होंगे. इस साल की दिवाली इसलिए भी खास होगी, क्योंकि इस बार 7 चौघड़िया, एक अभिजीत मुहूर्त और दो लग्न मिलाकर दिन से रात तक खरीदी के लिए शुभ हैं, इसके साथ ही लक्ष्मी, गणेश व कुबेर की पूजा के लिए भी यह संयोग शुभ रहेगा.
दिवाली से पहले ये है धनतेरस का शुभ मुहूर्त
इस पर्व की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) से होती है. इस साल धनतेरस 17 अक्टूबर को है, एक ही दिन में दुकानदार साल भर जितनी कमाई कर लेते हैं. क्या आप जानते हैं कि अगर धनतेरस 2017 वाले दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी की जाए तो आपकी किस्मत चमक सकती है. आज हम आपको अपनी खबर के माध्यम से धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त बताने जा रहे हैं.
गुरु चित्रा योग में खरीदी व पूजा क्यों है खास
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि इस बार दिवाली गुरुवार को पड़ रही है और चित्रा नक्षत्र इन तीनों के एक साथ होने का योग बहुत कम बनता है. ज्योतिष में गुरु को सोना, भूमि, कृषि आदि का कारक ग्रह माना जाता है, जबकि चित्रा नक्षत्र चांदी, वस्त्र, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक चीजों के लिए खास व शुक्र की राशि वाला यह नक्षत्र समृद्धि का कारक है.